टकटकी लगाए बैठी है दुनिया, कुछ ही घंटे में होगी ट्रंप-किम की मुलाकात

नई दिल्ली। 2018 की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय घटना का काउंटडाउन शुरू हो गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग की मुलाकात बस कुछ ही घंटे के बाद होने वाली है. पूरी दुनिया इस मुलाकात पर टकटकी लगाए बैठी है. ऐसे में सवाल है कि क्या 12 जून के बाद से दुनिया बदलेगी?

जिस उत्तर कोरिया की मीडिया अपने नेता की गतिविधियों पर आमतौर पर रियल टाइम में कोई रिपोर्ट तक नहीं करती, उस देश के लोगों को बता रही है कि ऐतिहासिक मुलाकात के लिए किम जोंग उन सिंगापुर में हैं. इधर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ट्वीट करके कहा है कि सिंगापुर आना अहम है, वातावरण में उत्साह है!

किम जोंग एयर चाइना के विमान से सिंगापुर पहुंचे हैं तो ट्रंप को अमेरिका का एयरफोर्स वन लेकर आया है. इस मुलाकात में कोई कमी न रह जाए इसके लिए मेजबान सिंगापुर भी जबरदस्त तैयारी कर चुका है. ये तैयारी कितनी जबरदस्त है कि इसका अंदाजा इसी बात से लगाइये कि भारतीय रुपयों में करीब 100 करोड़ का खर्च आ रहा है.

लेकिन असल सवाल तो यही है कि मुलाकात होगी तो क्या बात होगी? उत्तर कोरिया के सेंट्रल न्यूज एजेंसी के मुताबिक कई मुद्दों पर अहम चर्चाएं होंगी जिस पर पूरी दुनिया की निगाहें और उम्मीदें टिकी हैं.

खुद किम जोंग उन ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग से कहा कि अमेरिका और उत्तर कोरिया की ऐतिहासिक मुलाकात को पूरी दुनिया देख रही है.

उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने ये उम्मीद भी जाहिर की है कि अब उनका देश अमेरिका से नए रिश्ते कायम कर सकता है.

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने भी कहा है कि उत्तर कोरिया को अमेरिका ऐसी सुरक्षा गारंटी देने को तैयार है ताकि उन्हें लगे परमाणु निशस्त्रीकरण से उनका अंत नहीं होने जा रहा.

अमेरिका बार-बार संकेत दे रहा है कि ट्रंप-किम की बात तभी आगे बढ़ेगी, जब उत्तर कोरिया पूरी तरह परमाणु निशस्त्रीकरण पर राजी हो जाए.

यूं तो उत्तर कोरिया ने अपनी परमाणु टेस्ट साइट को नष्ट कर दिया है, लेकिन परमाणु हथियारों के जखीरे को नष्ट करना एक बड़ी बात होगी, जिसे लेकर किम जोंग उन के देश ने अपने पत्ते अभी नहीं खोले हैं.

लेकिन ट्रंप किस हद तक अपनी बात मनवाना चाहते हैं, इसे सिंगापुर पहुंचने के पहले के उनके इस बयान से समझा जा सकता है? उन्होंने कहा था कि वो फौरन जान जाएंगे कि किम जोंग उन मुलाकात को लेकर गंभीर हैं या नहीं?

गौरतलब है कि 12 जून की मुलाकात की तारीख तय होने के बाद ट्रंप ने किम के भड़काऊ बयानों का हवाला देते हुए मुलाकात रद्द करने का फैसला किया था और उत्तर कोरिया को अमेरिका के परमाणु ताकत की धमकी दी थी. लेकिन दोबारा दोनों नेता बातचीत के लिए राजी हुए.

ट्रंप से मुलाकात के लिए राजी होने के बाद किम संयम तो बरत रहे हैं, लेकिन किम भी इस बात के लिए जाने जाते हैं कि वो कब क्या फैसला कर लें.

 

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