डेटा लीक मामले में नया दावा: कांग्रेस को हराने के लिए क्रैम्ब्रिज एनेलिटिका के कर्मचारी को दिये गए थे पैसे!

नई दिल्ली। फेसबुक से डेटा चोरी करने वाली ब्रिटिश कंपनी क्रैम्ब्रिज एनेलिटिका (सीए) से कांग्रेस के संबंधों के बीजेपी के दावों के बीच बड़ा खुलासा हुआ है. ब्रिटेन की संसदीय समिति के सामने पर्सनलडेटा डॉट आईओ के सह- संस्थापक पॉल ओलिवियर देहया ने कहा कि उसने ऐसी खबर सुनी थी कि 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को हराने के लिए पैसे दिये गये थे.

उन्होंने कहा, ”ब्रिटिश कंपनी की तरफ से भारत में काम कर रहे डॉन मुरेसन को एक भारतीय अरबपति ने रुपये दिये थे, जो चाहते थे कि कांग्रेस चुनाव हार जाए.” बाद में मुरेसन की केन्या में रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गयी थी.

कैम्ब्रिज एनालिटिका के एक पूर्व कर्मचारी और व्हिसल ब्लोअर क्रिस्टोफर वायली ने भी अपनी गवाही में कहा कि कैंब्रिज एनालिटिका की मुख्य कंपनी स्ट्रैटजिक कम्यूनिकेशंस लेबोरेट्रीज (एससीएल) समूह में चुनावों के प्रमुख डॉन मुरेसन भी भारत में काम कर रहे थे, जिनकी केन्या में रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गयी. वायली ने दावा किया कि उन्हें ऐसी कहानियां सुनने को मिली हैं कि मुरेसन को होटल में शायद जहर दिया गया.

इससे पहले कांग्रेस ने भी दावा किया था कि उसे हराने के लिए गुजरात के एक उद्योगपति ने सीए को पैसे दिये. कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि गुजरात के एक एनआरआई ने कैम्ब्रिज एनेलिटिका (सीए) को करोड़ों रूपये दिये ताकि वह कांग्रेस के खिलाफ काम करे. इसका खुलासा सीए की भारत में कैंब्रिज एनालिटिका की साझेदार कंपनी ओबीआई के एक कर्मचारी ने अविनाश राय ने किया है.

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी महत्वपूर्ण मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए क्रैम्ब्रिज एनेलिटिका (सीए) के मुद्दे को तूल दे रही है. पार्टी ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से सवाल किया कि यदि उनके पास साक्ष्य हैं तो फेसबुक, सीए और उसकी सहयोगी ओबीआई के खिलाफ प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं करवा रहे हैं?

क्या है बीजेपी का कांग्रेस पर आरोप?
बीजेपी नेता और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैम्ब्रिज एनेलिटिका के बारे में भंडाफोड़ करने वाले व्यक्ति की ब्रिटेन के हाउस आफ कामंस में दी गयी गवाही का हवाला देते हुए दावा किया कि इस विवादास्पद डाटा फर्म ने कांग्रेस के लिए काम किया था. उन्होंने मांग की कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए.

सीए के पूर्व कर्मचारी क्रिस्टोफर वायली ने हाउस आफ कामंस की डिजिटल, संस्कृति, मीडिया एवं खेल संबंधित समिति के समक्ष दी गयी गवाही में कहा कि कंपनी ने भारत में काफी काम किया और उसका मानना है कि ‘कांग्रेस ने उसकी सेवाएं लीं.’

क्रिस्टोफर वायली का क्या है दावा?
क्रैम्ब्रिज एनेलिटिका (सीए) पर आरोप लग रहे हैं कि उसने फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारी चोरी कर भारत समेत दुनिया के कई चुनावों को कथित तौर पर प्रभावित किया. इन विषयों को लेकर गहराते विवाद के बीच क्रिस्टोफर वायली ने हाउस ऑफ कामंस की डिजिटल, सांस्कृतिक, मीडिया और खेल समिति के समक्ष अपनी गवाही दी.

संसदीय समिति के सदस्य और लेबर पार्टी के सांसद पॉल फेर्रेली ने वायली से पूछताछ के दौरान सवाल किया, ”जब आप फेसबुक के सबसे बड़े बाजार को देखते हैं तो उपयोगकर्ताओं की संख्या के लिहाज से भारत शीर्ष पर आता है. स्पष्ट तौर पर वह एक ऐसा देश है जहां राजनीतिक कलह है और अस्थिर किये जाने की गुंजाइश है.” वायली ने जवाब दिया, ”उन्होंने( कैम्ब्रिज एनालिटिका) भारत में व्यापक रूप से काम किया. भारत में उनका कार्यालय है.”

उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि कांग्रेस उनकी क्लाइंट थी लेकिन मुझे मालूम है कि उन्होंने सभी तरह की परियोजनाएं की थी. मुझे किसी राष्ट्रीय परियोजना के बारे में नहीं मालूम है लेकिन मैं क्षेत्रीय योजना के बारे में जानता हूं. भारत इतना बड़ा है कि एक राज्य ब्रिटेन जितना बड़ा हो सकता है. वहां उनके कार्यालय और कर्मचारी हैं.”

 

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