डोनाल्ड ट्रंप की ‘ना’ के बाद भी अमेरिका से वार्ता के लिए तैयार उत्तर कोरिया

प्योंगयांग। उत्तर कोरिया के एक मंत्री ने शुक्रवार (25 मई) को कहा कि प्योंगयांग अभी भी वॉशिंगटन के साथ वार्ता का इच्छुक है. उन्होंने यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंपके किम जोंग-उन के साथ होने वाली बैठक से अचानक पीछे हटने के फैसले के संदर्भ में की. उत्तर कोरियाई समाचार एजेंसी केसीएनए (कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी) ने उपविदेश मंत्री किम क्ये-ग्वान के हवाले से कहा, “हम एक बार अमेरिकी पक्ष को बताना चाहेंगे कि हम मुद्दे सुलझाने के लिए किसी भी समय साथ में बैठकर वार्ता के लिए तैयार हैं.”

समाचार एजेंसी योनहाप के मुताबिक, उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन के साथ ट्रंप की मुलाकात 12 जून को होने वाली थी, लेकिन ट्रंप ने इसे रद्द करने का फैसला कर लिया. उपविदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका द्वारा वार्ता रद्द करने का निर्णय दोनों देशों के बीच शत्रुता की सीमा को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि शत्रुतापूर्ण संबंधों को सुलझाने के लिए दोनों देशों के नेताओं के बीच वार्ता की सख्त जरूरत है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 12 जून को सिंगापुर में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ प्रस्तावित अपनी बैठक गुरुवार (24 मई) को रद्द कर दी थी और अपने इस फैसले के लिए उत्तर कोरिया के ‘‘जबरदस्त गुस्से’’ एवं ‘‘खुली शत्रुता’’ को जिम्मेदार बताया था. उन्होंने साथ ही इस घटनाक्रम को उत्तर कोरिया के लिए ‘‘जबरदस्त झटका’’ बताते हुए चेतावनी दी कि उसके किसी भी तरह की ‘‘मूर्खतापूर्ण एवं लापरवाह’’ कार्रवाई करने पर अमेरिकी सेना जवाब देने के लिए तैयार है.

ट्रंप की घोषणा से कुछ घंटों पहले उत्तर कोरिया ने कथित रूप से अपने परमाणु परीक्षण स्थल को ढहा दिया था. ट्रंप ने किम को एक पत्र लिखा जिसे प्रेस के लिए जारी किया गया. उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘मैं आपके साथ वार्ता को लेकर काफी उत्साहित था. दुखद रूप से आपके हालिया बयान में दिखे जबरदस्त गुस्से एवं खुली शत्रुता के आधार पर मुझे लगा कि लंबे समय से प्रस्तावित यह बैठक करना इस समय सही नहीं होगा.’’

अमेरिकी राष्ट्रपति ने 24 मई की तारीख वाले अपने पत्र में कहा, ‘‘इसलिए कृपया इस पत्र को संदेश के रूप में देखें कि दोनों पक्षों की भलाई के लिए सिंगापुर शिखर वार्ता नहीं होगी हालांकि इससे दुनिया का नुकसान होगा.’’ ट्रंप ने उत्तर कोरियाई नेता को एक साफ चेतावनी देते हुए कहा, ‘आप परमाणु क्षमताओं की बात करते हैं, लेकिन हमारी क्षमता इतनी विशाल एवं शक्तिशाली है कि मैं ईश्वर से कामना करता हूं कि उनका कभी इस्तेमाल ना करना पड़े.’

 

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