……. तो क्या शिक्षक भर्ती घोटाले को योगी सरकार भी दबाना चाहती है

30 करोड़ के शिक्षक भर्ती घोटाले में एसटीएफ के हाथ बंधे, सरकार और पुलिस नहीं दे रही साथ

लखनऊ। मथुरा में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले में एसटीएफ के हाथ बंध गए हैं। सरकार की ओर से पूरे प्रदेश में जांच करने का कोई आदेश अब तक एसटीएफ को नहीं मिला है वहीं मथुरा में भी पुलिस की ओर से एसटीएफ को सहयोग नहीं मिल पा रहा है। एसटीएफ के खुलासे के चार दिन बाद भी अब तक रिकार्ड रूम नहीं खोला जा सका है। इसके लिए न तो पुलिस की ओर से एसटीएफ को सहयोग मिल रहा है और न ही जिला प्रशासन की ओर से।

वहीं, दूसरी ओर एसटीएफ के पास शिकायतें आने का सिलसिला जारी है। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में एसटीएफ तभी आगे की कार्रवाई करेगी जब उसे शासन स्तर पर कोई निर्देश मिले। इसकी वजह यह भी बताई जा रही है कि एसटीएफ को इसके लिए अधिक बल की जरूरत होगी साथ ही दस्तावेजों की जांच के लिए पर्याप्त समय भी चाहिए होगा। वहीं अन्य जिलों के बारे में कार्रवाई के लिए अभी उन्हें शासन स्तर पर सहयोग मिलेगा, यह कहना मुश्किल है।

सरकार स्तर पर भी नहीं दिखाई जा रही गंभीरता
वही, दूसरी ओर इस बड़े घोटाले के मामले में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से आधा दर्जन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। साथ ही फर्जी दस्तावेजों के जरिए भर्ती हुए शिक्षकों को भी निलंबित किया जा रहा है। लेकिन इस मामले में और जिलों से भी शिकायतें मिलने के बाद जांच कौन करेगा? इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।

हालांकि शुरुआत में एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने कहा था कि जरूरत पड़ी तो इस मामले में एसआईटी का गठन कर कार्रवाई की जाएगी। वहीं डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने कहा था कि इस घोटाले को उजागर करने वाली एसटीएफ को अन्य जिलों में कार्रवाई करने के लिए पंख पसारने की पूरी छूट दी जाएगी।

अब तक शासन को नहीं भेजी जा सकी रिपोर्ट

सूत्रों का कहना है कि इस मामले में बेसिक शिक्षा विभाग ने एसटीएफ से पूरी रिपोर्ट मांगी थी। कहा जा रहा है कि पूरी रिपोर्ट मिलने के बाद ही अन्य जिलों में कार्रवाई की जाएगी। जबकि एसटीएफ लाख कोशिशों के बाद भी अब तक बीएसए कार्यालय का रिकार्ड रूम तक नहीं खुलवा सकी है। चूंकि मामला मथुरा में दर्ज किया गया है इसलिए वहां के विवेचक के माध्यम से ही जांच को आगे बढ़ाया जाएगा।
फिरोजाबाद में भी शिक्षक भर्ती में बड़े घालमेल का आरोप
उधर, फिरोजाबाद में भी शिक्षक भर्ती में बड़े घालमेल का आरोप लगाया गया है। मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर पिछले कई महीनों से शिकायत की जा रही है। लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिलाधिकारी से लेकर बेसिक शिक्षा विभाग तक इस पूरे मामले में घपला होने की बात से इनकार कर रहे हैं। हालांकि बीएसए फिरोजाबाद की जिलाधिकारी को भेजी गई रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस मामले में 50 प्रतिशत अभिलेखों का सत्यापन कराया गया है और बाकी 50 प्रतिशत भर्ती किए गए शिक्षकों का सत्यापन कराया जाना अभी बाकी है।

गोंडा के शिकायतकर्ता ने दी आत्महत्या की धमकी
मथुरा में बड़े पैमाने पर शिक्षक भर्ती मामले में हुए गोलमाल के बाद एसटीएफ के पास शिकायतें लगातार आ रही हैं। सोशल मीडिया के जरिए गोंडा निवासी विजय पांडेय ने फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। हालांकि यूपी पुलिस की ओर से इस मामले में जांच का आश्वासन दिया है। लेकिन विजय ने अपने ट्विटर हैंडिल में बताया है कि अगर 26 जून तक कार्रवाई नहीं की गई तो वह इस मामले में एसपी गोंडा के आवास के सामने आत्महत्या कर लेंगे।

अब तक 108 फर्जी शिक्षक आ चुके हैं सामने

प्रतीकात्मक तस्वीर

                                                                                          प्रतीकात्मक तस्वीर
फर्जी शिक्षक भर्ती घोटाला तीस करोड़ से भी ऊपर का है। एसटीएफ की जांच में अभी तक 108 फर्जी शिक्षक तो सामने आ चुके हैं, जबकि 50 और जांच के घेरे में आ रहे हैं। इन सभी से पंद्रह लाख तक लिए गए थे। जबकि 2016 में भी 32 अपात्रों की भर्ती कर ली गई थी जिसका भी अब खुलासा हुआ है। फर्जी प्रमाण पत्र भी तीस से पचास हजार लेकर बनाए गए।

जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि इस भर्ती में भी मोटी रकम का लेनदेन हुआ था। जांच अधिकारियों का मानना है कि फर्जी भर्तियों के नाम पर 30 करोड़ से भी ज्यादा की रकम वसूली गई है। जो फर्जी शिक्षक गिरफ्तार हुए थे उन्होंने भी पूछताछ के दौरान बताया था कि सभी ने 15-15 लाख रुपये दिए थे। जांच एजेंसियों को जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक इस रैकेट से जुड़े कई लोगों ने कुछ ही दिनों में अपने कॉलेज तक खोल लिए हैं।

 

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