दरोगा भर्ती दौड़ में गर्मी ने निकाला अभ्यर्थियों का दम, कई औंधे मुंह गिरे, छह पहुंचे अस्पताल

लखनऊ/सीतापुर। दिल में उमंगें थी। जोश हिलोरे मार रहा था। हर शख्स दो सितारों से लैस खाकी वर्दी पाने के लिए दौड़ लगाने को बेताब नजर आ रहा था। ऐसा लग रहा था कि मानो जैसे ही दौड़ शुरू होगी, वो अपना लक्ष्य कुछ ही समय में पूरा कर लेंगे। लेकिन जब उन्हें ट्रैक पर उतारा गया, तब उमस भरी गर्मी के आगे उनका जोश पस्त होकर रह गया। कोई बीच राह में ही औंधे मुंह गिर गया तो कोई लक्ष्य के बेहद करीब पहुंचते-पहुंचते रह गया। कुछ ऐसा ही नजारा शनिवार को 11 वीं वाहिनी पीएसी मैदान में फिर देखने को मिला। जहां पर दौड़ पूरी करने से पहले ही छह अभ्यर्थी अस्पताल पहुंच गए। गनीमत यह रही कि अस्पताल में कुछ देर इलाज चलने के बाद उनकी हालत में तेजी से सुधार हुआ।

शनिवार की सुबह कुल 436 अभ्यर्थी दौड़ के लिए ट्रैक पर उतरे। दौड़ पूरी होती इससे पहले ही रायबरेली जिले के सरौनी थाना क्षेत्र के गोविंदपुर निवासी आदर्श कुमार, रायबरेली के लालगंज थाना क्षेत्र के ग्राम भीरा निवासी नरेंद्र, शाहजहांपुर के सुभाष नगर निवासी विकास यादव, हरियाणा के भिवानी थाना क्षेत्र के टाड़ी केरुला भवानी खेड़ा निवासी नरेश कुमार, देवरिया के सिविल लाइंस निवासी अखिलेश व लखीमपुर खीरी के खीरी थाना क्षेत्र के मल्लपुर निवासी मनोज कुमार बेहाल होकर गिर पड़े।

मैदान पर मौजूद एंबुलेंस से छहों अभ्यर्थियों को जिला अस्पताल भेजा गया। यहां पर डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती कर लिया। भर्ती होने के करीब दो घंटे बाद इन अभ्यर्थियों के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार आया। इस दौरान दौड़ में पस्त हुए अभ्यर्थी लक्ष्य न पाने की टीस लेकर मायूस नजर आए। सुबह हुई दौड़ में 436 में कुल 314 अभ्यर्थी ही लक्ष्य को प्राप्त कर सके। जबकि 122 अभ्यर्थी फेल हो गए।

इधर शाम के वक्त हुई दौड़ में कोई भी अभ्यर्थी इतना बेहाल नहीं हुआ कि उसे अस्पताल ले जाना पड़े। शाम को कुल 104 अभ्यर्थियों ने दौड़ लगाई। इसमें से महज 65 अभ्यर्थी ही लक्ष्य को प्राप्त कर सके। जबकि 39 अभ्यर्थी फेल हो गए। शाम को कुछ अभ्यर्थी ऐसे जरूर नजर आए जो दौड़ पूरी करने के बाद हांफते नजर आए, जिन्हें मैदान पर ही इलाज देकर ठीक कर दिया गया। इस मौके पर एएसपी मधुबन सिंह, एसडीएम प्रभाकांत अवस्थी, सीओ पवन गौतम, आरआई चंद्रप्रकाश आदि मौजूद थे।

मैदान में ही थी इलाज की व्यवस्था
पहले दिन शुक्रवार को दौड़ के दौरान अभ्यर्थियों के बेहोश होने की घटना को देखते हुए शनिवार को मैदान पर ही इलाज की व्यवस्था की गई थी। शाम को हुई दौड़ के वक्त यह देखने को मिला कि वहां मौजूद पुलिसकर्मी अभ्यर्थियों के हौसले बढ़ाते नजर आए। वहीं दौड़ लगा रहे जवान को तकलीफ होने पर तत्काल मदद दे रहे थे। चिकित्सकों की टीम मैदान में मौजूद थी। ये चिकित्सक फौरी तौर पर इलाज देकर अभ्यर्थी को मैदान पर ही ठीक करने का प्रयास कर रहे थे। प्रयास सफल भी होते नजर आए। यही वजह रही कि, शाम के वक्त एक भी अभ्यर्थी ऐसा नहीं रहा, जो अस्पताल पहुंचा हो।

उमस की वजह से बढ़ी दिक्कत
जिला अस्पताल में तैनात अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. डीके गंगवार ने बताया कि उमस अधिक है। ऐसे उमस भरे मौसम में दौड़ने की वजह से युवाओं की सांसें उखड़ सी गई। उन्हें सांस लेने में दिक्कतें होने लगी। जिसकी वजह से दौड़ते समय उनकी हालत बिगड़ गई।

परिवारीजन आए थे साथ
शनिवार को दरोगा भर्ती दौड़ में हिस्सा लेने आए अभ्यर्थियों के परिवारीजन भी मैदान पर नजर आ रहे थे। ये परिवारीजन अभ्यर्थी पर नजर रख रहे थे। इस दौरान वे अभ्यर्थी के हारने पर भी उसका हौसला बढ़ाते नजर आ रहे थे। बहुत से ऐसे परिवारीजन थे, जो दौड़ में हारने के बावजूद भी अभ्यर्थी को यह सलाह दे रहे थे, कि चलो आगे और मौके मिलेंगे।

अभिभावक देते रहे दौड़ के टिप्स
दरोगा भर्ती दौड़ के दौरान बहुत ऐसे अभिभावक भी थे, जो दौड़ एक्सपर्ट की तरह से अभ्यर्थियों को टिप्स देते नजर आ रहे थे। वे बता रहे थे कि किस तरह से दौड़ की शुरुआत की जाए, कहां पर धैर्य बरता जाए और अगर दौड़ के दौरान कोई तकलीफ हो तो क्या करना चाहिए।

 

 

 

 

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