दिल्ली कांग्रेस में होगी शीला युग की वापसी, हरियाणा में हुड्डा-शैलजा पर दांव

नई दिल्ली। क्या दिल्ली कांग्रेस में फिर शीला युग की वापसी हो रही है? हरियाणा में क्या पार्टी जाट-दलित जुगलबंदी पर दांव खेलने जा रही है? पार्टी से जुड़े गलियारों में इन दिनों यही चर्चा है.

राहुल गांधी जब से कांग्रेस अध्यक्ष बने हैं, ‘द ग्रैंड ओल्ड पार्टी’ बदलाव की प्रक्रिया से गुजर रही है. एक के बाद एक राज्य में ‘सारे घर को बदल डालने वाली’ तर्ज पर पार्टी में टॉप से बॉटम तक सांगठनिक बदलाव किए जा रहे हैं. मध्य प्रदेश में कमलनाथ को पार्टी का ‘नाथ’ यानी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अब हरियाणा और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटियों में बदलाव का नंबर बताया जा रहा है.

दिल्ली में 3 नाम, शीला सबसे आगे

पार्टी के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का नाम दौड़ में सबसे आगे बताया जा रहा है. दिल्ली के दो अन्य नेताओं के नाम भी चर्चा में हैं. ये नेता हैं- योगानंद शास्त्री और अशोक वालिया. सूत्रों ने बताया कि शीला दीक्षित ने हाल में पार्टी आलाकमान से मुलाकात की और दिल्ली में कांग्रेस को मजबूत बनाने के उपायों को लेकर विस्तार से चर्चा की.

ये है शीला को लाने का गणित

दिल्ली में सिर्फ प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष को ही नहीं बदला जाएगा बल्कि साथ ही दो-तीन कार्यकारी अध्यक्षों की भी नियुक्ति की जाएगी. उड़ीसा और मध्य प्रदेश में भी पार्टी ने कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति की है. सूत्रों के मुताबिक शीला दीक्षित पंजाबी ब्राह्मण हैं, साथ ही यूपी के बड़े राजनीतिक परिवार में उनकी शादी हुई. उनके जरिए पंजाबी और पूर्वांचली वोटरों को साधने में पार्टी को आसानी रहेगी. इसी तरह दिल्ली में कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति भी राजधानी की आबादी के अनुपात को देखकर की जाएगी.

छोले-भटूरे प्रकरण से दिल्ली में बदला ताज

ये पूछे जाने पर कि दिल्ली में कांग्रेस संगठन में बदलाव की प्रक्रिया में तेजी किस वजह से आई, इस सवाल के जवाब में सूत्रों ने ‘छोले-भटूरे’ प्रकरण का नाम लिया. बता दें कि हाल में दिल्ली में राहुल गांधी समेत कांग्रेस नेताओं के उपवास करने के दौरान दिल्ली के तीन कांग्रेस नेताओं की छोले-भटूरे खाते तस्वीर सामने आई थी. इस तस्वीर में दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन के अलावा हारुन यूसुफ और अरविंदर सिंह लवली भी दिखाई दे रहे थे. ये घटनाक्रम कांग्रेस आलाकमान को नागवार गुजरा.

कमलनाथ गए MP तो हरियाणा पड़ा सूना

दिल्ली में 29 अप्रैल को जन- आक्रोश रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि पार्टी में 80 साल के बुजुर्ग से लेकर 18 वर्ष के युवा कार्यकर्ता, सभी के लिए पार्टी में जगह है. जहां तक हरियाणा की बात है तो अभी तक कांग्रेस की केंद्रीय कमान से कमल नाथ इस राज्य की प्रभारी महासचिव के तौर पर जिम्मेदारी देख रहे थे. उनके मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनने के बाद हरियाणा के लिए नए राज्य प्रभारी के तौर पर पार्टी आलाकमान को घोषणा करनी है.

हरियाणा में जाट-दलित समीकरण पर नजर

हरियाणा में प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया चीफ चुनने समेत पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस कमेटी) में बदलाव होगा. इसके अलावा पंजाब, उड़ीसा, मध्य प्रदेश की तर्ज पर ही हरियाणा के लिए पार्टी समन्वय समिति और कैंपेन कमेटी में भी बदलाव किया जाएगा. कांग्रेस हरियाणा जाट-दलित समीकरण को तरजीह देने पर विचार कर रही है. सूत्रों ने बताया कि पार्टी का मानना है कि हरियाणा में जाट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लाने से बीजेपी को ‘जाट बनाम अन्य 35 बिरादरी’ का कार्ड खेलने का मौका मिल जाएगा.

MP, राजस्थान और हरियाणा में इनकी जोड़ी

सूत्रों ने बताया, ‘जिस तरह मध्य प्रदेश में कमलनाथ-ज्योतिरादित्य सिंधिया, राजस्थान में अशोक गहलोत-सचिन पायलट की जोड़ी के जरिए पार्टी आगे बढ़ना चाहती है वैसे ही हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा-कुमारी शैलजा के रूप में जाट-दलित जुगलबंदी को मौका देना चाहती है. इस बीच हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 3 जून से पानीपत से जन क्रांति यात्रा निकालने का ऐलान किया है. इस यात्रा में हुड्डा पूरे हरियाणा को नापेंगे.

 

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