दिल्ली राशन घोटाला: बाइक से 15 क्विंटल की ढुलाई, पढ़ें- फर्जीवाड़े के ये 8 सबूत

नई दिल्ली। दिल्ली की सीएजी रिपोर्ट में राशन को लेकर बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. रिपोर्ट सामने आते ही आम आदमी पार्टी सरकार सवालों से घिर गई है. सूत्रों की मानें तो CAG रिपोर्ट में अब तक 50 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए हैं जहां नियमों को ताक पर रखकर गड़बड़ी को अंजाम दिया गया.

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है. वहीं सीएम अरविंद केजरीवाल ने मामले का ठीकरा एलजी के सिर फोड़ा है.

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली सरकार सीएजी रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है. रिपोर्ट के आधार पर केजरीवाल सरकार सीबीआई की जांच करवाएगी. मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर दावा किया है कि CAG द्वारा रिपोर्ट में शामिल की गई गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार के मामले में किसी को नहीं बख्शा जाएगा.

वहीं इस मामले में पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने भी केजरीवाल सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि 4 लाख फ़र्ज़ी राशन कार्ड से 150 करोड़ रुपये प्रति माह का राशन एडजस्ट करने की कोशिश हुई है. साथ ही बताया कि फरवरी में 4 लाख़ फ़र्ज़ी कार्ड पकड़े गए हैं.

Kapil Mishra

@KapilMishra_IND

I will file a case in CBI on Friday

केजरीवाल का “राशन डिलवरी घोटाला”

– नकली गाड़ियों से राशन ग़ायब

– 4 लाख फ़र्ज़ी राशन कार्ड से 150 करोड़ रुपये प्रति माह का राशन एडजस्ट

– फरवरी में पकड़े गए फ़र्ज़ी 4 लाख़ कार्ड

– मंत्री ने 10 मार्च को फ़र्ज़ी कार्ड कैंसिल करने पर रोक लगाई pic.twitter.com/k19PIUCWyM

वहीं सीएम ने CAG रिपोर्ट के बहाने एलजी पर भी अपने ट्वीट से जमकर निशाना साधा. केजरीवाल ने कहा कि पूरा राशन सिस्टम माफियाओं की जद में है, जिन्हें नेताओं का संरक्षण मिला हुआ है.

राशन की गड़बड़ी पर CAG का खुलासा…

1. आम तौर पर राशन कार्ड घर की महिला सदस्यों के नाम पर बनाया जाता है, लेकिन 13 मामलों में घर की सबसे बड़ी सदस्य की उम्र 18 साल से नीचे की पाई गई. 12,852 मामलों में तो घरों में एक भी महिला सदस्य नहीं पाई गई.

2. राशन का सामान ढोने वाले 207 गाड़ियों में 42 गाड़ियां ऐसी थीं, जिनका रजिस्ट्रेशन परिवहन विभाग के पास था ही नहीं.

3. आठ गाड़ियां ऐसी थीं जिन्होंने 1500 क्विंटल से ज्यादा राशन ढुलाई की, लेकिन उनके रजिस्ट्रेशन नंबर बस, टू व्हीलर या थ्री व्हीलर के पाए गए.

4. सभी राशन कार्ड धारकों को एसएमएस पर अलर्ट आने थे, लेकिन 2453 मामलों में नंबर राशन दुकानदारों के ही निकले.

5. राशन से जुड़ी समस्याओं को लेकर जो कॉल सेंटर बनाया गया, उनमें से 2013 से 2017 के बीच आए तकरीबन 16 लाख कॉल में सिर्फ 42 फीसदी कॉल का जवाब दिया गया.

6. सभी अधिकारियों को फील्ड इंस्पेक्शन करना था, लेकिन ऑडिट में ऐसे इंस्पेक्शन नहीं पाए गए.

7. 412 राशन कार्ड ऐसे पाए गए जिनमें परिवार के एक सदस्य का नाम ही कई बार लिखा गया था.

8. राशन सिर्फ उन परिवारों को दिया जाता है जो गरीब हों, लेकिन 1 हजार से ज़्यादा कार्ड में नौकरों का नाम भी शामिल था. यानी ऐसे उपभोक्ता भी हैं जो नौकर रख सकते हैं लेकिन अपनी कार या प्रॉपर्टी नहीं है और ना ही वो इनकम टैक्स देते हैं और न ही उनके पास 2 किलो वाट से ज्यादा का बिजली कनेक्शन है.

 

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