नई दिल्ली : सरकार ने हाथरस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा

नई दिल्ली : हाथरस गैंगरेप मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. इस हलफनामे में यूपी सरकार ने विपक्ष पर जातीय दंगा फैलाने का आरोप लगाया. यूपी सरकार के हलफनामे में बड़ा दावा किया गया कि परिवार के मंजूरी के बाद और हिंसा से बचने के लिए आधी रात में पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया था.

अपने हलफनामे में यूपी सरकार ने अयोध्या-बाबरी केस के कारण जिलों को हाई अलर्ट पर रखने और कोरोना की वजह से भीड़ न इकट्ठा होने का भी जिक्र किया है. यूपी सरकार का कहना है कि अयोध्या-बाबरी केस में आए फैसले की संवेदनशीलता और कोरोना के मद्देनजर परिवार की मंजूरी से पीड़िता का रात में अंतिम संस्कार किया गया.

इस हलफनामे में सरकार का कहना है कि 14  सितंबर को पुलिस को सूचना मिलने पर पुलिस ने मामला दर्ज करके तत्काल कदम उठाया. सरकार ने कहा कि इस मुद्दे का उपयोग करते हुए जाति और सांप्रदायिक दंगों को भड़काने के लिए राजनीतिक दलों के कुछ वर्ग, सोशल मीडिया, कुछ वर्गों के प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया ने जानबूझकर और सुनियोजित प्रयास किए.

इस हलफनामे में हुकूमत ने अब तक की जांच का ब्यौरा सौंपा है और बताया है कि आखिर क्यों रात 3 बजे ही मुतास्सिरा लड़की की आखिरी रसूमात को अंजाम दिया गया. हुकूमत ने हलफनामे में कहा है कि हाल में CBI से जांच कराई जाए और जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट करे.

इसके अलावा हुकूमत ने मुतास्सिरा की रात 3 बजे आखिरी रसूमात को लेकर सुप्रीम कोर्ट को बताया है. हुकूमत ने बताया कि इंटेलिजेंस से इनपुट मिले थे कि बाबरी मस्जिद इन्हेदाम (विध्वंस) का फैसला आने की वजह से  कई ज़िलों को हाई अलर्ट पर रखा गया था. इंटेलिजेंस के ज़रिए जानकारी मिली थी कि वहां पर दंगे भड़क सकते हैं. इंटेलीजेंस इनपुट की बुनियाद पर चलते रात बजे ही मुतास्सिरा की आखिरी रसूमात को अंजाम दिया गया.

 

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