नहीं बदलेगा किम-ट्रंप की मुलाकात का दिन, तय समय पर होगा सब कुछ!

माना जा रहा है कि सिंगापुर में किम जोंग उन से होने वाली मुलाकात को लेकर अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप एक बार फिर अपनी रजामंदी दे सकते हैं। इस बैठक की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं।

अमेरिका। माना जा रहा है कि सिंगापुर में किम जोंग उन से होने वाली मुलाकात को लेकर अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप एक बार फिर अपनी रजामंदी दे सकते हैं। इस बैठक की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं और अमेरिका के वरिष्‍ठ अधिकारी भी स्थिति का जायजा लेने के लिए सिंगापुर रवाना हो चुके हैं। हाईप्रोफाइल इस मिटिंग पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। इससे पहले ट्रंप ने इस बैठक से पीछे हटने का ऐलान किया था, जिसपर उत्तर कोरिया ने निराशा व्‍यक्‍त की थी। उत्तर कोरिया की तरफ से कहा गया था कि वह कहीं भी इस मुलाकात के लिए तैयार हैं। इस बीच दक्षिण कोरिया में अमेरिकी राजदूत रहे सुंग किम के नेतृत्व में अधिकारियों का दल भी उत्तर कोरिया पहुंच चुका है। यह दल वार्ता पर दोनों देशों के तालमेल की रूपरेखा बनाएगा। सुंग परमाणु मामले पर वार्ता करने के विशेषज्ञ माने जाते हैं। उनका यहां आना इस लिहाज से भी बेहद खास माना जा रहा है क्योंकि कुछ ही दिन पहले उत्तर कोरिया ने अपनी परमाणु परिक्षण की साइट का बम से उड़ा कर खत्म कर दिया था। किम के इस फैसले को शांति की ओर बढ़ते उत्तर कोरिया की तरफ से सकारात्मवक रुख माना गया था।

किम-मून मुलाकात

इसके बाद शनिवार को दक्षिण कोरिया के राष्‍ट्रपति मून जे ने उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन से अचानक मुलाकात की। यह मुलाकात काफी अच्‍छे माहौल में हुई है। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात सीमांत गांव पनमुनजोम में दूसरी बार मुलाकात हुई। मुलाकात में किम जोंग और मून जेई इन गले मिले, प्रेम प्रदर्शित करते हुए एक-दूसरे को चूमा। दोनों नेताओं की वार्ता कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु मुक्त बनाने और दोनों कोरिया के बीच शत्रुतापूर्ण संबंध खत्म करने पर हुई।

इसके बाद मून ने कहा कि किम अपने राष्‍ट्र को परमाणु हथियार रहित करने को तैयार हैं। इसके बाद ही ट्रंप की तरफ से इस मुलाकात को लेकर दोबारा उम्‍मीद जताई गई है। गौरतलब है कि अमेरिका का दबाव उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार छोड़ने पर है। दो दिन पहले ही मून अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप से मिलकर सियोल लौटे हैं।

मुलाकात को लेकर अनिश्चितता का माहौल

हालांकि इस मुलाकात को लेकर बन रहे अनिश्चितता के माहौल के बीच जानकार ये भी मान रहे हैं कि उत्तर कोरिया को लेकर अमेरिका के पास कोई भी स्‍पष्‍ट नीति नहीं है। इसलिए अमेरिका बिना सोचे-समझे कोई भी फैसला ले रहा है। ऑब्‍जरवर रिसर्च फाउंडेशन के प्रोफेसर हर्ष वी पंत का मानना है कि यह देखना बेहद स्‍पष्‍ट होगा कि अमेरिका के पास उत्तर कोरिया के लिए क्‍या नीति है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि बातचीत की मेज पर आने की बात कहकर कोई भी देश दूसरे को धमका नहीं सकता है, जैसा कि अमेरिका की तरफ किया जा रहा है।

ट्रंप के पत्र में किम की प्रशंसा

सिंगापुर में 12 जून की प्रस्तावित शिखर बैठक रद करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में किम जोंग को पत्र लिखा था लेकिन उसमें बैठक होने को लेकर उम्मीद भी जता दी थी। लिखा था- अगर किम जोंग चाहें तो उन्हें पत्र से फोन से बैठक करने की सूचना दे सकते हैं। ट्रंप के इस पत्र पर उत्तर कोरिया ने तल्ख प्रतिक्रिया नहीं जताई। इस बारे में ट्रंप प्रशासन का कहना था उत्तर कोरियाई इस मुलाकात को लेकर जवाब नहीं दे रहे थे जिससे शिखर वार्ता रद की गई। इसके बाद ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों के बीच कम्युनिकेशन लाइन खुली हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘हम देखेंगे कि क्या हुआ। हम अब उनसे बात कर रहे हैं। वे वार्ता करना चाहते हैं। हम भी करना चाहेंगे।’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘यह 12 जून को भी हो सकती है।’ यह पूछने पर कि क्या उत्तर कोरियाई खेल कर रहे हैं, ट्रंप ने कहा, ‘हां वे.. वह भी। हर कोई खेल करता है। आप यह जानते हैं।’

 

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