नीट के बाद एम्स की परीक्षा में भी लखनऊ के होनहारों का जलवा, जाने-माने स्किन स्पेसलिस्ट डॉ. अबीर सारस्वत के बेटे अर्जुन सारस्वत ने हाशिल की 47वीं रैंक

अपने माता-पिता के साथ अर्जुन सारस्वत

लखनऊ। नीट में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने केबाद राजधानी लखनऊ के मेधावियों ने भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भी अपनी मेधा का परिचय दिया। एमबीबीएस के लिए हुई प्रवेश परीक्षा में अर्जुन सारस्वत ने 47वीं रैंक हासिल कर लखनऊ का मान बढ़ाया। इसके अलावा उज्ज्वल पाठक ने 174वीं, आफरीन रहमान ने 545वीं और जरीन अख्तर ने 2200वीं रैंक हासिल की। इन मेधावियों ने नीट की परीक्षा में भी अच्छी रैंक हासिल की थी।

एम्स की परीक्षा 26 और 28 मई को हुई थी। एम्स दिल्ली की ओर से नई दिल्ली के साथ ही भुवनेश्वर, भोपाल, जोधपुर, पटना, रायपुर और ऋषिकेष में एमबीबीएस में दाखिले के लिए परीक्षा का आयोजन करता है। परीक्षा ऑनलाइन प्रणाली पर हुई थी। देश भर में परीक्षा के लिए चार लाख 52 हजार  931 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। इनमें से तीन लाख 74 हजार 520 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा के लिए कुल मिलाकर 7617 अभ्यर्थी सफल घोषित किये गए हैं। पहले राउंड की काउंसलिंग में सीट के मुकाबले चार गुना अभ्यर्थियों को बुलाया गया है।

एनसीईआरटी की किताबों पर किया फोकस
अर्जुन सारस्वत का कहना है कि एनसीईआरटी की किताब ने विषय को समझने में काफी मदद की। इसके अलावा टेस्ट पेपर और मॉडल पेपर हल करने से भी काफी मदद मिली। एम्स में अच्छी रैंक हासिल हुई है, इसलिए मेरा सपना एम्स में दाखिला लेना है। मेरे पिता डॉ. अबीर सारस्वत चर्म रोग विशेषज्ञ और मां डॉ. मोनिका पैथोलॉजिस्ट हैं।

हर विषय को दिया बराबर समय

अपने माता-पिता के साथ उज्ज्वल पाठक

                                                                                              अपने माता-पिता के साथ उज्ज्वल पाठक
वहीं, 174वीं रैंक पाने वाले उज्ज्वल पाठक का कहना है कि मैंने अपने टाइम टेबल में हर विषय को बराबर महत्व दिया। इसका नतीजा हुआ कि मुझे हर विषय में अच्छे नंबर मिले। इसी वजह से मैं नीट के बाद एम्स में अच्छे नंबर ला सका। मेरे पिता डॉ. ओम प्रकाश पाठक बाल रोग विशेषज्ञ और मां किरण पाठक टीचर हैं। मैं न्यूरोसर्जन बनना चाहता हूं।

मां के अधूरे ख्वाब को करना है पूरा

आफरीन रहमान

                                                                                           आफरीन रहमान
545वीं रैंक हासिल करने वाली आफरीन रहमान का कहना है कि मेरी मां का स्वर्गवास कुछ साल पहले हो गया था। वे चाहती थीं कि मैं डॉक्टर बनूं। अब मैं डॉक्टर बनकर उनका सपना पूरा करना चाहती हूं। मेरे पिता अब्दुल रहमान इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। मैंने लॉरेटो कॉन्वेंट इंटरमीडिएट कॉलेज से 98.25 प्रतिशत अंक के साथ इंटरमीडिएट पास किया है। मेरी सफलता के पीछे शिक्षकों का बड़ा योगदान है।
 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Back to top button