पेट्रोल-डीजल को GST में शामिल करना आसान नहींः हसमुख अधिया

नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने के सवाल पर राजस्व सचिव हसमुख अधिया सने साफ कहा कि इन पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के अंदर लाने का फैसला आसान नहीं है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सरकार गैस और एविएश टर्बाइन फ्यूल को तुरंत जीएसटी के दायरे में ला सकती है.

जीएसटी के एक साल पूरे होने वाले हैं. इसी के मौके पर सीएनबीसी-टीवी 18 के कार्यक्रम ‘जीएसटी डिकोडे’ में वित्त सचिव ने एक संदेश दिया कि आने वाले समय में जीएसटी की 28 प्रतिशत वाली स्लैब से अब सामानों को हटाना व्यवहारिक लग रहा है. उन्होंने कहा कि टैक्स स्लैब बदलने से पहले राजस्व को देखना होगा, लेकिन अब 28 प्रतिशत के स्लैब से सामानों को हटाया जा सकता है.

हसमुख अधिया ने आगे कहा कि पहली प्राथमिकता जीएसटी के नए फॉर्म लागू करना है. जीएसटी रिटर्न के नए फॉर्म जनवरी से उपलब्‍ध होंगे. दूसरी प्राथमिकता कानून का पालन करना है इसके लिए डंडा नहीं डेटा एनालिसिस का उपयोग करेंगे. डेटा नया डंडा है. राज्‍यों के खजाने पर पड़ रहे असर के सवाल पर उन्‍होंने कहा कि कई राज्‍यों को अगले दो-तीन साल तक केंद्र सरकार से मुआवजे की जरूरत नहीं पड़ेगी जबकि पंजाब जैसे राज्‍य को अगले पांच साल तक केंद्र से वित्‍तीय मदद की जरूरत होगी.

जीएसटी की सकारात्‍मक और नकारात्‍मक बातों पर अधिया ने बताया कि इस मसले पर राजनीतिक दलों का एक साथ आना सकारात्‍मक आश्‍चर्य था. वहीं शुरुआती दिनों में तकनीक ने उन्‍हें निराश किया.

कार्यक्रम में केरल के वितत मंत्री थॉमस इसाक ने कहा कि जीएसटी का लागू होना अच्‍छी बात है लेकिन जिस तरह से इसे लागू किया गया वह ठीक नहीं है. जीएसटी का पहला एक साल निराशाजनक रहा है. उन्‍होंने कहा कि पेट्रोलियम उत्‍पादों को जीएसटी में लाने पर विचार किया जा सकता है लेकिन राज्‍यों को मुआवजा मिलना चाहिए. छोटी कंपनियां और असंगठित कारोबर समस्‍या में है.

 

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