पेट्रोल 2.25 रुपए, डीजल 1.67 रुपए/लीटर सस्ता, 10 दिन बाद की गई इतनी बड़ी कटौती

नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल में लंबे समय बाद बड़ी कटौती की गई है. पिछले 10 दिनों में पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई खास कटौती नहीं हुई थी. 11 जून के बाद गुरुवार को पेट्रोल पर 14 पैसे और डीजल में 14 पैसे तक की कटौती की गई. पेट्रोल-डीजल पर सबसे ज्यादा कटौती मुंबई में की गई है, जहां दोनों पर 14-14 पैसे की कटौती हुई है. इसके अलावा दिल्ली में पेट्रोल पर 11 पैसे, डीजल पर 12 पैसे प्रति लीटर तक की कटौती की गई है. कटौती के बाद दिल्ली में पेट्रोल 76.16 रुपए प्रति लीटर और डीजल 67.68 रुपए प्रति लीटर हो गया है. इसके पहले बुधवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ था.

23 दिन में पेट्रोल 2.25 रुपए/लीटर सस्ता
तेल कंपनियां लगातार पेट्रोल-डीजल के दाम में कटौती कर रही हैं. पिछले 23 दिनों में पेट्रोल 2.25 रुपए प्रति लीटर तक सस्ता हो चुका है. हालांकि, यह महानगर का दाम है, छोटे शहरों में कटौती का असर ज्यादा हो सकता है. वहीं, डीजल भी पिछले 23 दिनों में 1.67 रुपए प्रति लीटर सस्ता हुआ है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में पिछले एक महीने में 6 डॉलर प्रति बैरल तक की कटौती हुई है. इसका फायदा कंज्यूमर्स को पेट्रोल-डीजल में मिल रहा है.

देश के 4 महानगरों में पेट्रोल की कीमतें
दिल्ली: 76 रुपए 16 पैसा
कोलकाता: 78 रुपए 83 पैसा
मुंबई: 83 रुपए 92 पैसा
चेन्नई: 78 रुपए 43 पैसा

देश के 4 महानगरों में डीजल की कीमतें
दिल्ली: 67 रुपए 68 पैसा
कोलकाता: 70 रुपए 22 पैसा
मुंबई: 71 रुपए 98 पैसा
चेन्नई: 71 रुपए 58 पैसा

कल ओपेक देशों की अहम बैठक
बाजार के जानकारों के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का फायदा दिख रहा है. तेल कंपनियां दाम नहीं बढ़ा रही हैं. आने वाले दिनों में फायदा और दिख सकता है. 22 जून को होने वाली ओपेक देश की बैठक से नतीजे निकलने के बाद ही स्थिति साफ होगी कि पेट्रोल-डीजल में कटौती जारी रहेगी या नहीं. अनुमान है कि ओपेक देशों की बैठक के बाद कच्चे तेल के दाम 60 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकते हैं.

क्रूड पर सऊदी अरब का बड़ा बयान
सऊदी अरब ने कहा है कि वह विश्व बाजार में कच्चे तेल आपूर्ति में कमी की स्थिति को टालने के लिए जो जरूरी हो करेगा. इस बयान से तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक की तनाव के माहौल में होने जा रही बैठक से पहले ईरान के साथ सऊदी अरब के टकराव का मंच तैयार हो गया है. सऊदी अरब के शहजादे और ऊर्जा राज्य मंत्री अब्दुल अजीज बिन सलमान ने वियना में एक बैठक में कहा, “बाजार की स्थिरता को बनाए रखने के लिए जो जरूरी होगा वह हम करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि तेल आपूर्ति में कमी नहीं हो.” उन्होंने कहा, “कई उपभोक्ता देश संभावित तेल की कमी होने के आसार से चिंतित हैं.” उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में वैश्विक तेल मांग बढ़ने की उम्मीद है.

सऊदी अरब और ईरान में तनातनी
सऊदी अरब पर अमेरिका का दबाव है. इससे ईरान उसका कड़ा विरोध कर रहा है. अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अंतराष्ट्रीय समझौते से हट गया है और उसने ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं. इसी घटना में बोलते हुए, ईरानी तेल मंत्री बिजान नामदार जांगानेह ने तेल उत्पादन में वृद्धि के लिए अपने देश के प्रतिरोध को दोहराया और ट्रंप पर ओपेक का राजनीतिकरण करने की कोशिश करने का आरोप लगाया.

 

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