बेटी को भूलकर भी ना दें गणेश जी की मूर्ति
बेटी के जन्म लेने के साथ ही माता-पिता उसकी विवाह का सपना देखने लगते हैं। भले ही बेटी की विदाई बहुत ही दुख भरी होती है। फिर भी माता-पिता उसकी विदाई को एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी मानता हैं। मां बाप बेटी की विदाई की रस्मों से लेकर उसको विवाह में दिए जाने वाले उपहारों तक कई योजनाएं बनाते हैं। सभी माता-पिता विवाह में अपनी बेटी को बहुत सारे उपहार देते हैं। पर क्या आपको पता है कि बेटी की विदाई के समय दिए जाने वाले उपहारों की भी बहुत सारे नियम होते हैं।
शास्त्रों में बताया गया है कि बेटियां लक्ष्मी का रुप होती है। वही गणेश जी व घर की लक्ष्मी का एक साथ होना धन व खुशहाली का इशारा होता है। कभी भी बेटी की विदाई में गणेशजी की मूर्ति को उपहार के रूप में नहीं देना चाहिए। गणेशजी की पूजा किसी भी शुभ काम की आरंभ में की जाती है।इसलिए माता पिता बेटे को अपने नए ज़िंदगी की आरंभ के लिए गणेश जी की मूर्ति उपहार के रूप में दे सकते हैं। पर अगर माता-पिता बेटी को विदाई के वक्त गणेश जी की मूर्ति उपहार के रूप में देते हैं, तो इससे मायके में कंगाली आ सकती है।
विदाई के समय बेटी को गणेश जी की मूर्ति देने से घर की सुख समृद्धि व सौभाग्य बेटी के साथ ही चला जाता है। जिससे मायके के घर में सुख शांति व खुशहाली पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
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