मायावती का वार- मोदी मन की बात में कहते तो हैं लेकिन बाबा साहेब से उल्टे हैं उनके विचार

लखनऊ। पिछले हफ्ते राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के हाथों मिली हार के बाद पार्टी सुप्रीमो मायावती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमला कर रही हैं. एक बार फिर उन्होंने मोदी को अपने निशाने पर रखा.

प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में भीमराव अंबेडकर का जिक्र किया था, उनके इस भाषण के एक दिन बाद ही बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती ने उन पर निशाना साधा और कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर को जिसके लिए जाना जाता है, मोदी उनके बिल्कुल विपरीत हैं और उनके नाम का इस्तेमाल महज नाटकबाजी है.

अंबेडकर के उलट मोदी

लखनऊ में पार्टी मुख्यालय में बीएसपी समन्वयकों की बैठक से पहले मायावती ने कहा, ‘मोदीजी ने मन की बात में बीआर अंबेडकर का जिक्र किया, लेकिन उनकी विचारधारा बाबा साहेब के बिल्कुल विपरीत है. यही कारण है कि बीजेपी और आरएसएस को सत्ता से कई दशक तक दूर रखा गया. साढ़े 4 साल के शासन में बीजेपी ने सिर्फ नाटक ही किया है, खासकर दलितों को लेकर.’

सोमवार को बीएसपी की ओर से जारी विज्ञप्ति में भी मोदी पर जमकर निशाना साधा गया. बीएसपी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की ओर से अंबेडकर के नाम का इस्तेमाल महज ढोंग और नाटकबाजी के लिए किया जा रहा है. इनके पिछले साढ़े 4 साल के शासनकाल में खासकर दलितों और पिछड़ों के मामले में इनकी पार्टी और सरकार का बहुत नाटक और ढोंग हो चुका है, इस तरह के ढोंग से उन्हें कोई राजनैतिक लाभ नहीं मिलने वाला.

मोदी ने अंबेडकर को बताया प्रेरणास्रोत

नरेंद्र मोदी ने रविवार को हर महीने पेश होने वाले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अंबेडकर के सिद्धांत को अपने लिए प्रेरणा बताया था. मोदी ने कहा था कि बहुत से लोगों ने अंबेडकर के नाम पर लोगों को ढगा. उनकी हरसंभव यही कोशिश भी यही थी कि गरीब और पिछड़े तबके के लोग अपनी जिंदगी में तरक्की न कर सकें या कुछ भी नया न कर सकें. नए भारत की तस्वीर अब पूरी तरह से बदल चुकी है, यह भारत अंबेडकर का भारत है, गरीबों और पिछड़ों का भारत है.

‘मेक इन इंडिया’ को अंबेडकर के सिद्धांत से जोड़ते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अब जब देश में मेक इन इंडिया का अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है तो अंबेडकर जी ने औद्योगिक शक्ति के रूप में भारत का जो सपना देखा था, उनका ही विजन हमारे लिए प्रेरणा है. वर्षों पहले अंबेडकर ने भारत के औद्योगीकरण की बात कही थी और उनके लिए उद्योग एक ऐसा प्रभावी माध्यम था, जिसमें गरीब से गरीब व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता था.

मायावती मोदी के इस बयान से खुश नजर नहीं आईं. उन्होंने कहा कि मोदी ने अंबेडकर का नाम लिया, लेकिन इस समुदाय के लोगों को दबाया जा रहा है. राज्यसभा में भीमराव अंबेडकर की हार इसका सबसे नया उदाहरण है. उनका इशारा पिछले हफ्ते यूपी में राज्यसभा चुनाव में उनकी पार्टी के उम्मीदवार अंबेडकर को बीजेपी की ओर से अतिरिक्त उम्मीदवार खड़ा करने के कारण मिली हार की ओर था.

बीएसपी की ओर से कहा गया कि बाबा साहेब अंबेडकर का समतामूलक और मानवतावादी सोच का भारत बीजेपी और आरएसएस एंड कंपनी के राज में तो कभी नहीं बन सकता, क्योंकि इनकी सोच संविधान की मंसा के खिलाफ अत्यंत ही संकीर्ण, जातिवादी और घोर सांप्रदायिक है.

 

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