मिशन 2019: BJP को डराने वाले हैं ये आंकड़े, ‘चाणक्य’ को नए सिरे से बनानी होगी रणनीति

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 11,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार 135 किलोमीटर लंबे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को राष्ट्र को समर्पित किया. इस मौके पर कहा कि तीन लाख करोड़ रुपये की लागत से देश में 28,000 किलोमीटर लंबे राजमार्गों का नेटवर्क खड़ा करने का काम किया है. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने अपने भाषण में जिस तरह के शब्दों का प्रयोग किया उससे जाहिर हो चुका है कि उन्होंने 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है.

इसके साथ ही राजनीतिक पंडित 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और विपक्षी दलों की ताकत को लेकर गुणा-भाग करने में जुट गए हैं. आगामी आम चुनाव के मायने इसलिए भी बढ़ गए हैं क्योंकि एक तरफ जहां बीजेपी है, तो दूसरी तरफ सभी मुख्य विपक्षी दलों के एक साथ लड़ने की तैयारी है. हालांकि ये तो वक्त ही बताएगा कि विपक्षी दलों की एकजुटता 2019 के लोकसभा चुनाव तक कायम रहती है या नहीं.

मोदी सरकार के चार साल पूरे होने पर कराए गए ज्यादातर सर्वे में 2019 में बीजेपी की आसान जीत की बात कही जा रही है, लेकिन राज्यों के विधानसभा की मौजूदा हालत पर नजर डालें तो रास्ते थोड़े मुश्किल दिख रहे हैं. आइए कुछ आंकड़ों के जरिए समझने की कोशिश करते हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की राह आसान नहीं होगी.

29 में से केवल 10 राज्यों में है BJP का पूर्ण बहुमत
देशभर में कुल 29 राज्य हैं, जिसमें से 21 राज्यों की सरकारों में बीजेपी शामिल है. हालांकि इसमें से केवल 10 राज्यों में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार है. मेघालय में बीजेपी भले ही सरकार में शामिल है, लेकिन यहां बीजेपी के केवल 2 विधायक हैं. बिहार में बीजेपी+जेडीयू की गठबंधन सरकार है, लेकिन यहां 243 विधानसभा सीटों में से बीजेपी के पास केवल 53 विधायक हैं. जम्मू कश्मीर में बीजेपी+पीडीपी की सरकार है, लेकिन यहां की 87 सीटों में से बीजेपी के केवल 25 विधायक हैं. गोवा में बीजेपी के मनोहर पर्रिकर की अगुवाई में सरकार चल रही है, लेकिन यहां की 40 सीटों में से बीजेपी के केवल13 विधायक हैं.

इन 6 राज्यों से हैं बीजेपी के ज्यादातर विधायक
देश में कुल 4139 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें से बीजेपी के पास 1516 सीटें हैं. गौर करने वाली बाती यह है कि इसमें से 950 सीटें छह राज्यों से आती हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान. बाकी के 23 राज्यों को मिलाकर बीजेपी के पास 566 विधानसभा सीटे हैं.

इन राज्यों में बीजेपी के हैं गिनती के विधायक
आंध्र प्रदेश की 294 विधानसभा सीटों में से केवल 9 पर बीजेपी के विधायक हैं. वहीं केरल की 140 विधानसभा सीटों में से केवल एक पर बीजेपी के विधायक हैं. पंजाब की 117 विधानसभा सीटों में से केवल 3 पर बीजेपी का कब्जा है. पश्चिम बंगाल में 294 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें से केवल 3 पर बीजेपी के विधायक हैं. इसी तरह तेलंगाना की 119 विधानसभा सीटों में से केवल 5 विधायक बीजेपी के हैं.

वाजपेयी के ममता बनर्जी के घर पहुंचते ही बदली थी सियासत, क्या उसी राह पर हैं PM मोदी?
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से केवल 3 पर बीजेपी विधायक हैं. उड़ीसा की 147 सीटों में से केवल 10 पर बीजेपी के विधायक हैं. नागालैंड की 60 में से केवल 12 पर बीजेपी के विधायक हैं. तमिलनाडु, मिजोरम और सिक्किम में बीजेपी की एक भी सीट नहीं है.

ऊपर दिए गए आंकड़े बयां कर रहे हैं कि साल 2019 में अगर सारे विपक्षी दल एकजुट होकर चुनाव लड़ते हैं तो बीजेपी के सामने बड़ी चुनौती हो सकती है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी कई मौकों पर विपक्षी दलों की एकता से मुश्किल होने की बात स्वीकार चुके हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह को मिलकर नए सिरे से ‘मिशन 2019’ की रणनीति बनानी होगी.

 

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