मुन्ना बजरंगी ने भाजपा नेता के सीने में उतार दी थी 100 गोलियां, कांप गया था पूर्वांचल, पढ़ें 5 किस्से

लखनऊ। कभी पूर्वांचल में आतंक का पर्याय रहे माफिया मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या कर दी गई है. मुन्ना बजरंगी बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का आरोपी था और उसी मामले में जेल में बंद था. बाहुबली मुख्तार अंसारी के करीबी रहे मुन्ना बजरंगी ने नवंबर 2005 में कृष्णानंद राय की दिन दहाड़े हत्या कर सनसनी फैला दी थी. इस हमले में गाजीपुर से बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय के अलावा 6 अन्य लोग भी मारे गए थे. कहा जाता है कि कृष्णानंद राय व अन्य मृतकों के पोस्टमार्टम के दौरान उनके शरीर से 60-100 तक गोलियां बरामद हुईं थी. इस घटना के बाद मुन्ना बजरंगी का नाम मोस्ट वॉन्टेड क्रिमिनल्स की लिस्ट में शुमार हो गया था. दो दशकों से ज्यादा के आपराधिक जीवन में मुन्ना बजरंगी के उपर तमाम राज्यों में करीब 40 आपराधिक मामले दर्ज हुए. उसके उपर 7 लाख रुपये का इनाम भी रखा गया था. आइये आपको बताते हैं मुन्ना बजरंगी से जुड़े 5 किस्से.

मुन्ना बजरंगी से जुड़ी 5 बातें

  1. मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह है. वह उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव का रहने वाला था. वर्ष 1967 में जन्मे मुन्ना बजरंगी के उपर 17 साल की उम्र में जौनपुर में ही पहला आपराधिक मामला दर्ज हुआ. वह मामला मारपीट और अवैध असलहा रखने का था. इसके बाद धीरे-धीरे मुन्ना बजरंगी का नाम एक के बाद एक मामले में सामने आने लगा. 

  2. जैसे-जैसे मुन्ना बजरंगी का नाम जुर्म की दुनिया में फैला वैसे-वैसे उसकी तमाम अपराधियों से नजदीकी भी बढ़ी. सबसे पहले मुन्ना बजरंगी की जौनपुर के ही माफिया गजराज सिंह से नजदीकी बढ़ी और संरक्षण मिला. फिर वह गजराज सिंह के लिए ही काम करने लगा. इसी बीच वर्ष 1984 में मुन्ना बजरंगी ने लूट के लिए एक व्यापारी की हत्या कर दी और कुछ दिनों बाद जौनपुर के भाजपा नेता रामचंद्र सिंह की हत्या कर पूर्वांचल में सनसनी फैला दी. 

  3. 90 का दशक आते-आते मुन्ना बजरंगी पूर्वांचल के बाहुबली माफिया और राजनेता मुख्तार अंसारी के गैंग में शामिल हो गया. इस बीच उसका नाम तमाम वारदात में सामने आया. मुन्ना बजरंगी उत्तर प्रदेश में सरकारी ठेकों को जबरन प्रभावित करने लगा था. अपने गैंग और करीबियों को जबरन ठेका दिलवाया. 

  4. वर्ष 1996 में मुख्तार अंसारी के विधायक बनने के बाद उनकी बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय से ठन गई. राय पर मुख्तार के दुश्मन ब्रिजेश सिंह का हाथ था और कृष्णानंद राय का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा था. कहा जाता है कि कृष्णानंद राय का बढ़ता प्रभाव मुख्तार को पसंद नहीं आया और मुन्ना बजरंगी को कृष्णानंद राय को खत्म करने की सुपारी दे दी.  नवंबर 2005 में मुन्ना बजरंगी ने कृष्णानंद राय की दिन-दहाड़े हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद उसका नाम मोस्ट वांटेड अपराधियों में शुमार हो गया. 

  5. कृष्णानंद राय की हत्या के बाद मुन्ना बजरंगी लगातार अपनी जगह बदलता रहा. तमाम राज्यों में उसके खिलाफ मामले दर्ज हुए. इस बीच उसका नाम अंडरवर्ल्ड से भी जुड़ा. मुन्ना बजरंगी का नाम दिल्ली के विवादास्पद एनकाउंटर स्पेशलिस्ट राजबीर सिंह की हत्या में भी आया था.  अक्टूबर 2009 में दिल्ली पुलिस ने मुन्ना बजरंगी को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया था. कहा यह भी जाता है कि मुन्ना ने खुद अपनी गिरफ्तारी करवाई थी. 

 

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