मोदी के मंत्री बोले- ऊपरी अदालतों में लोकतंत्र नहीं, दलितों-पिछड़ों को मिले आरक्षण

नई दिल्ली। दलितों के उत्पीड़न और आरक्षण पर चल रही देशव्यापी बहस के बीच अब इस मसले पर एक और नया बयान सामने आया है. मोदी कैबिनेट में मंत्री ने देश की ऊपरी अदालतों में लोकतंत्र पर सवाल उठाते हुए उनमें आरक्षण की मांग की है.

शनिवार को केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने यह आरोप केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी द्वारा आयोजित बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 127 वी जयंती के मौके पर पटना में लगाया. कुशवाहा ने ऊपरी अदलातों में आरक्षण की वकालत की है. उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में दलित-आदिवासी और पिछड़े वर्ग का प्रतिनिधित्व नहीं है. कुशवाहा ने प्रतिनिधित्व को आधार बताते हुए कहा कि इसीलिए इन अदालतों से दलित विरोधी फैसलों की भरमार है.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने मांग की कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति में आरक्षण नीति को लागू किया जाना चाहिए. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति में आरक्षण लागू करने की कोशिश की थी मगर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने इसे सिरे से खारिज कर दिया.

आज तक से खास बातचीत करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ी जाति का उचित प्रतिनिधित्व नहीं होने की वजह से पिछले कुछ दिनों में न्यायालय से ऐसे फैसले आए हैं जो दलित विरोधी हैं. कुशवाहा ने कहा कि जब तक देश की अदालतों में आरक्षण लागू नहीं होगा तब तक दलितों के खिलाफ फैसले आते रहेंगे.

बता दें कि पिछले महीने मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने जब से अनुसूचित जाति/जनजाति कानून में बदलाव का फैसला दिया है, तब से ही दलितों के मुद्दों पर बहस चल रही है. इस फैसले के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए दलितों ने 2 अप्रैल को भारत बंद भी बुलाया था. हालांकि, इस दौरान कई राज्यों में हिंसक झड़पें देखने को मिली थी. बाद में सरकार की पुनर्विचार याचिका के बाद भी फैसले पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया था. इसके बाद 10 अप्रैल को सोशल मीडिया पर आरक्षण के विरोध में बंद बुलाया गया.

हाल के दिनों में सुप्रीम कोर्ट की कार्यप्रणाली पर सवाल उठते रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने खुद मीडिया के सामने आकर सुप्रीम कोर्ट की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे. जिसके आधार पर विपक्ष चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग लाने की भी तैयारी कर रहा था.

ऐसे में अब मोदी सरकार के मंत्री उपेंद्र सिंह कुशवाहा ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में दलितों और पिछड़ों के आरक्षण की आवाज उठाई है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि हमारी सरकार ने इसके लिए कोशिश की है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. कुशवाहा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में आरक्षण के मुद्दे पर हम सबको एक होना चाहिए.

 

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