यूपी पुलिस के इतिहास में पहली बार महिला ‘गुरु’ देंगी ट्रेनिंग
लखनऊ/मुरादाबाद। मुरादाबाद के डॉ भीमराव आम्बेडकर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में पहली बार महिला उस्ताद आईपीएस-पीपीएस के साथ ही जवानों को ट्रेनिंग देंगी. प्रदेश पुलिस के दो जिलों से आई तीन महिला जवानों ने पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग भी शुरू कर दी है. उत्तर प्रदेश पुलिस के इतिहास में पहली बार महिला उस्ताद अधिकारियों को ट्रेनिंग देने को तैयार हो रही है. उत्तर प्रदेश पुलिस के इस कदम को एक सरहानीय कदम माना जा रहा है.
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा
डॉ भीमराव आम्बेडकर पुलिस अकादमी मुरादाबाद के मैदान में एक नया इतिहास रचा जा रहा है. अटल इरादों वाली तीन महिला पुलिसकर्मी पुलिस ट्रेनर बनने जा रही है. यूपी पुलिस का ये कदम महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए माना जा रहा है.
आसान नहीं है ट्रेनर बनना
जानकारी के मुताबिक, पुलिस के जवानों का ट्रेनर बनना कोई आसान काम नहीं है. एक ट्रेनर के कंधों पर आईपीएस-पीपीएस के साथ ही जवानों को शारीरिक रूप से मजबूत बनाने का भार होता है. इसके साथ ही शस्त्र चलाने की जानकारी और कानून को समझाने की जिम्मेदारी भी होती है.
कौन है वो तीन महिला जवान
पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में जवानों को ट्रेनिंग देने की चुनौती को मथुरा में तैनात महिला जवान दुर्गेश चौधरी, गाजियाबाद में तैनात जवान बबिता रानी और गाजियाबाद की ही महिला जवान मनोज ने स्वीकार किया. ट्रेनिंग के बाद ये आईपीएस-पीपीएस के साथ ही जवानों को ट्रेन करेंगी.
मजबूत हैं हौसले
तीनों महिला जवानों के हौसले बुलंद हैं. इन तीनों महिला द्रोण के थानों की नौकरी छोड़ पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में आने के अपने-अपने तर्क हैं. तीनों महिलाओं का दावा है की जब महिला हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर चल रही है, तो जवानों को ट्रेनिंग क्यों नहीं दे सकती.
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