यूपी- 69,000 शिक्षक भर्ती में कितने पेंच ? मामला हल होने के आसार कम….

69000 teacher recruitment:-  लखनऊ. उत्तर प्रदेश में 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती लगातार विवादों में फंसी है…

69000 teacher recruitment:-

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती लगातार विवादों में फंसी है, इस मामले में एक बाधा निपट नहीं पाती दूसरी पहले खड़ी हो जाती है। इस विवाद में इतने पेंच हैं कि आसानी से इसे समझना भी संभव नहीं है।

सरकार जब भी इस मामले को निपटाने की कोशिश करती नजर आती है, कोई न कोई नया पेंच आकर फंस जाता है।

इतना ही नहीं भर्ती के इस मामले पर राजनीति भी खूब हो रही है, हर विपक्षी दल अपने तरह से इस मसले पर सरकार को घेरने में लगा हुआ है।

मामला कई दिशाओं से अदालत में है, और विभाग द्वारा अब अभ्यर्थियों के मूल प्रमाण पत्र वापस करने का काम भी शुरू हो गया है।

एक ओर जहां इसे लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच और सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही सुनवाई चल रही है वहीं प्रयागराज पुलिस ने इस भर्ती में फ़र्ज़ीवाड़े के आरोप में 11 लोगों को गिरफ़्तार किया है।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भर्ती में धांधली का मुद्दा उठाते हुए जाँच की माँग की है और आंदोलन की चेतावनी दी है।

दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार के सभी आरोपों को नकार दिया है। बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने कहा, पूरी भर्ती प्रक्रिया को बाधित करने के लिए राजनीति की जा रही है ताकि योगी सरकार को लॉकडाउन के दौरान भी नौकरियां देने का श्रेय न मिले।

बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि, इस मामले को अब विशेष जांच दल यानी एसटीएफ़ को सौंप दिया गया है।

अदालती कार्रवाई पर बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा, भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी, नतीजा भी तैयार कर लिया गया था। लेकिन मामला अदालत पहुंचने के कारण नतीजा जारी करने में देर हुई।

बॉक्स : जानिये क्या है 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती का पूरा मामला

योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेश में 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए दिसंबर 2018 में रिक्तियाँ निकाली थी।

प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ने प्राइमरी स्कूलों में 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा करवाई थी।

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इस परीक्षा में क़रीब चार लाख आवेदकों ने हिस्सा लिया था।

इस लिखित परीक्षा के एक दिन बाद ही सरकार ने इसके कट ऑफ़ के मानक तय कर दिए थे।

परीक्षा 150 अंकों की थी जिसमें से सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को कम-से-कम 65% यानी 97 और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को कम-से-कम 60% यानी 90 अंक लाने थे।

लेकिन इससे पहले सहायक शिक्षकों के 68,500 पदों के लिए जब भर्ती हुई थी

तब सामान्य वर्ग के लिए कट ऑफ़ 45% और आरक्षित वर्ग के लिए 40% था।

नई भर्ती में कट ऑफ़ बढ़ाने को अदालत में चुनौती दी गई।

11 जनवरी 2019 को इलाहाबाद हाई कोर्ट की सिंगल बैंच ने कट ऑफ़ को फिर से 45 और 40 फ़ीसदी कर दिया।

लेकिन योगी आदित्यनाथ सरकार ने मई 2019 में हाई कोर्ट के इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील दायर कर दी।

वहीं बीएड और बीटीसी पास कर चुके अभ्यर्थियों के एक समूह ने भी हाईकोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील दायर कर दी।

नतीजा आने से पहले ही भर्ती का मामला अदालती दाँवपेंच में फंसा

  • अदालत में सुनवाई चलती रही और फिर 6 मई 2020 को हाईकोर्ट ने सरकार को राहत देते हुए
  • कट ऑफ़ को फिर से 97 नंबर और 90 नंबर कर दिया।
  • अदालत ने सरकार को भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिए तीन महीने का समय दिया।
  • इसके बाद 13 मई को नतीजे जारी कर दिए गए।
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक सप्ताह के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया।

प्रश्नों के सही उत्तरों पर फिर से हाईकोर्ट में पहुंचा मामला

  • परीक्षार्थियों के एक समूह ने परीक्षा में पूछे गए कुछ प्रश्नों के सही उत्तरों पर सवाल करते हुए
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर कर दी थी।
  • इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने शिक्षकों की भर्ती पर 12 जुलाई तक रोक लगा दी।
  • इस मामले पर अभी हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है।
  • उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अदालत के इस फ़ैसले को चुनौती दी है।

शिक्षा मित्रों की अपील पर सुप्रीम कोर्ट में भी चल रही सुनवाई

  • दूसरी तरफ, हाईकोर्ट के फ़ैसले से नाराज़ शिक्षामित्रों (सहायक शिक्षक) का एक समूह सुप्रीम कोर्ट चला गया था
  • जहाँ इस मामले की सुनवाई चल रही है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने 3 जून से 6 जून के बीच हो रही काउंसलिंग पर रोक लगा दी थी।
  • इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को 37,339 पदों को होल्ड करने का आदेश दिया।
  • सरकार इस मामले के बचाव के लिए भी अदालत पहुंची है।

किसी नए और अंतिम आदेश की संभावना अगस्त में लगभग शून्य

  • फिलहाल इस मामले के हल होने के आसार न के बराबर नजर आ रहे हैं।
  • सुप्रीम कोर्ट से किसी नए और अंतिम आदेश की संभावना अगस्त में लगभग शून्य के बराबर है।
  • सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद यह भर्ती मामला अभी हल होने का नाम नहीं ले रहा है,
  • जिसके चलते प्रकिया के जल्द पूरे होने के आसार भी बेहद कम हैं।

अब विज्ञापन निकाल कर वापस किये जा रहे मूल प्रमाण पत्र

  • 69000 शिक्षक भर्ती के ताजा मामले में अब अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र वापसी का अभियान भी शुरू हो चुका है।
  • बलरामपुर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बाकायदा विज्ञापन निकाल कर कहा है
  • बलरामपुर से 69000 शिक्षक भर्ती में शामिल होने वाले अभ्यर्थी तत्काल अपने ओरिजिनल डॉक्यूमेंट प्राप्त कर लें।
  • बीएसए ने इस सूचना में मामले के जल्द हल होने के आसार पर शंका व्यक्त की है।
  • तथा मूल प्रमाण पत्र वापस लेने की तारीख तय कर दी है।
 

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