योगी, अखिलेश ने नहीं सुनी गुहार तो रेप पीड़िता ने पति के साथ लगाई आग
लखनऊ। उत्तर प्रदेश से राजनीतिक रसूख वाले व्यक्ति द्वारा महिला से रेप का एक और मामला सामने आया है. इतना ही नहीं, इस मामले में भी पुलिस की लापरवाही की बात सामने आई है. पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने से नाराज रेप पीड़िता और उसके पति ने शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में विधानसभा भवन के सामने आत्मदाह की कोशिश की.
पीड़िता और उसके पति ने अपने ऊपर केरोसीन तेल छिड़ककर आत्मदाह की कोशिश की. लेकिन पुलिस ने समय पर दोनों को बचा लिया. हालांकि इस दौरान पुलिस का काफी जद्दोजहद करनी पड़ी. पीड़िता का आरोप है कि तीन साल पहले समाजवादी पार्टी के एक कार्यकर्ता ने उसके साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया, लेकिन आज तक आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई.
पीड़िता और उसके पति का कहना है कि रेप केस में पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने से नाराज होकर उन्होंने यह खतरनाक कदम उठाने का फैसला किया. अब दोनों मांग कर रहे हैं कि आरोपी को तुरंत गिरफ्तार किया जाए.
पीड़िता के पति ने बताया कि तीन साल पहले 2015 में सपा नेता ने उसकी पत्नी के साथ रेप किया, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. पीड़िता के पति ने बताया कि उल्टे आरोपी सपा नेता उन्हें केस वापस लेने के लिए धमकाता रहता है.
पीड़िता का कहना है कि 2015 में आरोपी सपा नेता उसे नौकरी दिलाने के बहाने लखनऊ से कासगंज ले जाकर रेप की वारदात को अंजाम दिया था. महिला ने कासगंज के पटियाली थाने में सपा नेता के खिलाफ शिकायत भी दर्ज करवाई, लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया.
इतना ही नहीं, पीड़िता ने बताया कि वह इंसाफ की गुहार लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास भी गई, लेकिन कहीं पर भी उसकी सुनवाई नहीं हुई.
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