योगी सरकार की ‘सामूहिक विवाह योजना’ में ‘लूट’, 11 जोड़ों ने दोबारा लिए फेेरे, लगी लाखों की चपत

नोएडा । सरकार की लोकलुभावन योजनाओं का एलान होते ही इसे चूना लगाने वाले भी जल्द ही सक्रिय हो जाते हैं। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश में ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ में भी ठगी का चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में महज 20 हजार रुपये और कुछ जेवरात के लालच में 11 जोड़ों ने सामूहिक विवाह योजना के दौरान दोबारा शादी की है। इससे यूपी सरकार को तकरीबन तीन लाख रुपये का चूना लगा है। यह ठगी सरकारी अधिकारी-कर्मचारी की ओर से नहीं, बल्कि कुछ शातिर लोगों ने की है। पूरा मामला 24 फरवरी का है।

लालच में आकर दोबारा की शादी

जानकारी के मुताबिक, कुछ शातिर लोगों ने ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ को चूना लगाते हुए सरकारी खजाने को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचाया है। ग्रेटर नोएडा में 11 जोड़ों ने महज 20 हजार रुपये, जेवरात और कुछ गिफ्ट के लालच में आकर दोबारा शादी कर ली। हैरान करने वाली बात तो यह है कि 11 जोड़ों में से 3 के तो बच्चे भी हैं। इनमें से एक शख्स दो बच्चों का पिता है।

इस तरह लगाया चूना

बताया जा रहा है कि पिछले महीने की 24 फरवरी को गौतमबुद्धनगर जिले के ग्रेटर नोएडा में सामूहिक विवाह का आयोजन हुआ था। इस दौरान कुल 66 जोड़ों की शादी करवाई गई। बाद में पता चला इनमें से 11 जोड़ों ने पैसों के लालच में दोबारा शादी की है।

जाहिर है यह ठगी कुछ लोगों ने मिलकर की है, जिनमें ये 11 जोड़े भी शामिल थे। इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा, दादरी के विधायक तेजपाल नागर, जेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह, DM और डीआईजी समेत कई अफसर भी शामिल हुए थे।

गौरतलब है कि पिछली सरकार में गरीब बेटियों को शादी के लिए बीस हजार की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती थी, लेकिन योगी सरकार ने योजना में बदलाव किया है। अब सामूहिक विवाह होंगे। कार्यक्रम का आयोजन भी प्रशासन करा रहा है।

यह है योजना- प्रति जोड़ा 35 हजार रुपये खर्च कर रही है योगी सरकार

‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ जोड़ों को कुछ धनराशि भी दी जाएगी। लाभार्थियों के खाते में 20 हजार रुपये सीधे दिए जाएंगे। इस तरह प्रति जोड़े पर सरकार कुल 35 हजार रुपए खर्च कर रही है।

यूपी के ही अन्य जिले औरेया में भी इससे मिलता जुलता मामला सामने आया था। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में चांदी के जेवर के नाम पर नवविवाहिताओं से धोखाधड़ी की गई थी। जेवरों की जांच में यह चांदी की जगह गिलट के निकले थे। मामला खुलते ही प्रशासनिक अधिकारी गेंद एक से दूसरे के पाले में करने में जुट गए थे। जिलाधिकारी ने जहां सीडीओ से जवाब तलब किया, वहीं सीडीओ ने समाज कल्याण अधिकारी से। समाज कल्याण अधिकारी ने जेवर उपलब्ध कराने वाली संस्था पर शहर कोतवाली में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था।

 

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