योगी सरकार के रवैये से अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद नाराज, शाही स्नान का करेगी बहिष्कार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के रवैये से अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद भी खफा है. इतनी खफा कि कुम्भ 2019 के शाही स्नान का बहिष्कार करने का फैसला किया है. नाराज अखाड़ा परिषद ने शुक्रवार को अपनी बैठक के दौरान बड़ा ऐलान किया है. 13 अखाड़ों की हुई बैठक में साधू-संतों ने कुम्भ 2019 के शाही स्नान का बहिष्कार करने का फैसला लिया है. बताया जा रहा है कि अखाड़ों ने सभी शाही स्नान के बहिष्कार का फैसला लिया है. इसके साथ ही चक्रपाणि महाराज और आचार्य प्रमोद कृष्णन को फर्जी बाबा घोषित किया गया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जानकारी के मुताबिक अखाड़ा परिषद स्थायी निर्माण न शुरू किए जाने से नाराज है. सभी 13 अखाड़े सरकार द्वारा उनकी मांगें न माने जाने की वजह से खफा हैं. यह अहम बैठक पंचायती अखाड़ा में हुई. अखाड़ा परिषद की महत्वपूर्ण बैठक में यह फैसला लिया गया कि सभी 13 अखाड़े कुम्भ मेले में कोई सरकारी सुविधा नहीं लेंगे. इसके अलावा बैठक में यह फैसला भी लिया गया कि कुम्भ मेले की सलाहकार समिति और मार्ग दर्शक मण्डल में भी साधू-संत नहीं रहेंगे. बैठक में कुम्भ को लेकर प्रस्ताव पास किए गए हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बैठक के बाद फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी करते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने दो और बाबाओं को फर्जी बताया. जानकारी के मुताबिक चक्रपाणि महाराज और आचार्य प्रमोद कृष्णन को फर्जी बाबा घोषित किया गया है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि दोनों बाबा किसी संन्यासी परंपरा से नहीं आते हैं. पहले यह चर्चा थी कि बैठक के बाद जारी होने वाली तीसरी लिस्ट में चार फर्जी बाबाओं के नाम हो सकते हैं.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद द्वारा चक्रपाणि और प्रमोद कृष्णम को फर्जी बाबा घोषित किए जाने के बाद दोनों ने अखाड़ा परिषद पर पलटवार किया है. जहां एक ओर प्रमोद कृष्णन ने अखाड़ा परिषद को बलात्कारियों का अखाड़ा बताया. तो वहीं चक्रपाणि ने कहा कि अखिल अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष को संत समाज से तत्काल प्रभाव से निष्काषित कर दिया गया है.

 

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