रक्षाबंधन 2020- भूलकर भी भद्रा काल में नहीं बांधनी चाहिए राखी, यहां जान लें सही समय…

Rakshabandhan 2020 :-धर्म डेस्क. श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला रक्षाबंधन का पर्व सोमवार 3 अगस्त यानि आज  है।

Rakshabandhan 2020 :-

सनातन धर्म में रक्षाबंधन का बहुत अधिक महत्व है। जिसे भाई-बहन के प्रेम का परिचायक माना जाता है। इससे सामाजिक और पारिवारिक संबंधों में प्रगाढ़ता आती है। रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम का अटूट रिश्ता कहलाता है। कोरोना महामारी में इस बार यह पर्व लॉकडाउन में मनाया जाएगा।

राखी बांधने का शुभ मुहुर्त

सोमवार को सुबह 9.29 बजे के बाद राखी का शुभ मुर्हूत है। इससे पहले भद्रा काल है। इस काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए।

रक्षा बंधन पूजन विधि
  • सबसे पहले बहन-भाई को तिलक कर उसकी आरती करती है।
  • उसके ऊपर अक्षत अर्पण करती है।
  • उसके बाद राखी भाई के दाहिनी कलाई पर बांधी जाती है।
  • भाई का पूजन करें। तत्पश्चात बहन भाई को मिठाई खिलाती है
  • और उसके बाद भाई बहन के पैर छूकर आशीर्वाद लेगा।

इस प्रकार भाई आजीवन अपनी बहन की सुरक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित हो जाता है।

इसके बाद भाई बहनों को उपहार दे। इस पूरी प्रक्रिया तक भाई और बहन दोनों को उपवास रखना चाहिए।

राखी बांधने के दौरान एक खास मंत्र का करें जाप…

राखी बांधने के दौरान एक खास मंत्र ‘येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मां चल मां चल। का उच्चारण किया जाता है।

  • इसका अर्थ है, जिस प्रकार राजा बलि ने रक्षा सूत्र से बंधकर विचलित हुए
  • बिना अपना सब कुछ दान कर दिया।
  • उसी प्रकार हे रक्षा आज मैं तुम्हें बांधता हूं।
  • तू भी अपने उद्देश्य से विचलित न होना और दृढ़ बना रहना।
 

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