लखनऊ- बीजेपी की मंशा पर सवाल उठाते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने किया बड़ा प्रहार…

SP chief Akhilesh Yadav hit out at BJP intention Lucknow:-लखनऊ. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि किसान की हालत दिन प्रतिदिन बदतर होती जा रही है।

SP chief Akhilesh Yadav :-

भाजपा सरकार की प्राथमिकता में बडे़ उद्योग घरानों का हित साधन है। किसान को किसान नहीं रहने देने के पूरे इंतजाम करने पर भाजपा सरकार उतारू है।

भाजपा की कुदृष्टि खेतों पर है। उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक आपदा, गन्ने का बढ़ता बकाया, बिचौलियों द्वारा फसलों की लूट और कर्ज से बेहाल हजारों किसान अब तक आत्महत्या कर चुके हैं।

महोबा में बैंक कर्ज और आर्थिक परेशानियों के चलते कल ही किसान रमाशंकर रैकवार (50वर्ष) ने फांसी लगाकर जान दे दी।

भाजपा सरकार ने इस सम्बंध में अमानवीय रवैया अपना रखा है।

भाजपा सरकार का किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी घोषणाएं करने में कोई मुकाबला नहीं है।

अभी तक 20 लाख करोड़ की गिनती भी नहीं कर पाए एक और किश्त एक लाख करोड़ की किसानों को भेजने की घोषणा कर सबको चकाचौंध कर दिया है।

गरीब किसान इतनी भारी रकम कहां रख पाएगा?

प्रधानमंत्री जी कृषि ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड लांच करने की घोषणा करते हैं

पर किसान को यूरिया और बीज तक तो समय से मिल नहीं पा रहा है।

यह फण्ड भी किसान समूहों को मिलेगा।

मंशा साफ है भाजपा खेती को कारपोरेट क्षेत्र में विलय करने में लग गई है।

सच तो यह है कि भाजपा सरकार बहुराष्ट्रीय और कारपोरेट घरानों के हितों की पैरोकारी में खेती, गांव, किसान को उनका बंधक बनाने की योजना लागू करना चाहते है।

बीजेपी के इरादे विरोधाभासी है जिसमें सिर्फ धोखा ही धोखा है

भाजपा सरकार ने वादा किया था कि वह सन् 2022 तक किसानों की आय दो गुना कर देगी,

न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाएगी और किसान का पूरा कर्ज माफ करेगी

लेकिन हकीकत में तो भाजपा ने किसानों के साथ सिर्फ गोलमाल ही किया है।

किसानों को राहत देने के बजाय डीजल के दाम बढ़ा दिए

किसान की फसल को आवश्यक वस्तु अधिनियम से हटाकर

सीएम योगी का मानना है “हर संकट साथ में अवसर भी लाता है” – नवनीत सहगल

पूरे देश को बाजार बनाकर बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को किसानों के उत्पाद औने पौने दाम पर खरीदकर

उसके शोषण का रास्ता खोल दिया।

किसानों को अब बाढ़ ने तबाह कर रखा है

  • उत्तर प्रदेश में किसान पहले अतिवृष्टि, ओलावृष्टि एवं आकाशीय आपदा से बदहाल रहा,
  • इधर बाढ़ ने तबाह कर रखा है। कई जलमग्न गांवों का सम्पर्क टूट गया है।
  • तटबंध टूट गए हैं।
  • पशुओं को चारा भी नहीं मिल पा रहा है।
  • स्थानीय प्रशासन ने उनकी अब तक सुध नहीं ली है।
  • लोगों को राशन, किरोसिन तेल, दूध, दवाओं का अभाव झेलना पड़ रहा है।
  • किसानों की फसल डूब गई है।

समाजवादी सरकार में ही किसान, गरीब और कमजोर वर्ग सुरक्षित

  • भाजपा सरकार ने न तो पहले आपदा के शिकार लोगों को पर्याप्त मुआवजा दिया
  • और नहीं अब राहत पहुंचा रही है।
  • अधिकारी पिछली आपदा के आंकलन में ही लगे रहे।
  • मदद सरकारी फाइलों में ही कैद हो गई।
  • खेतों की सुरक्षा के लिए सन् 2022 में साइकिल की सरकार राज्य के हित में है।
  • समाजवादी सरकार में ही किसान, गरीब और कमजोर वर्गों के हित सुरक्षित रहते हैं।
 

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