लखनऊ: भाजपा राज में लोकतंत्र और संविधान दोनों का तिरस्कार हो रहा – अखिलेश यादव

 लखनऊ: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा राज में लोकतंत्र और संविधान दोनों का तिरस्कार हो रहा है। जनता भाजपा के जिन वादों से भ्रमित हुई थी अब उनकी सच्चाई जानने लगी है। भाजपा के कुशासन का असली रंग लोग देख रहे है। छल प्रपंच के माहिर भाजपाईयों के झूठ का लबादा उतरने में अब देर नहीं लगेगी। प्रदेश में अपराधों की असाधारण वृद्धि से यह प्रदेश हत्या प्रदेश के रूप में बदनाम हो गया है। प्रदेश के गौरव से इस खिलवाड़ को लोग भूलेंगे नहीं।

हाथरस में पीड़िता के गांव जाने पर प्रशासन द्वारा एक तरफा पाबंदी लग गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री  अखिलेश यादव के निर्देश पर सैकड़ों लोगों के साथ समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमण्डल पीड़िता के परिवार जनों से मिलने और उन्हें सांत्वना देने उसके गांव बूलगढ़ी थाना चंदपा जा रहा था,  पुलिस ने उसको बल पूर्वक रोक दिया, समाजवादी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया गया और समाजवादी नेताओं को चंदपा थाने में गिरफ्तार कर ले जाया गया। बस से जब उन्हें थाने ले जाया जा रहा था तब बस पर पत्थरबाजी करायी गयी। प्रशासन निम्नस्तर पर उतर आया है।

प्रतिनिधिमण्डल में जसवन्त सिंह यादव सदस्य विधान परिषद, अतुल प्रधान पूर्व प्रदेश अध्यक्ष छात्र सभा , सर्वेश अम्बेडकर निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ , विनोद सविता सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी समाजवादी पार्टी, राम करन निर्मल प्रदेश अध्यक्ष लोहिया वाहिनी , जुगुल किशोर बाल्मीकि पूर्व अध्यक्ष सफाई आयोग, देवेन्द्र अग्रवाल पूर्व विधायक हाथरस सदर, जैनुद्दीन चौधरी जिला महासचिव समाजवादी पार्टी हाथरस, गिरीश यादव जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी अलीगढ़ एवं राकेश सिंह पूर्व विधायक छर्रा अलीगढ़ शामिल थे।
इनके अतिरिक्त असीम  यादव पूर्व एमएलसी,  राजवर्धन जाटव, विनीत मनोठिया, कपिल बाल्मीकि, ललित यादव, राहुल वर्मा, सहित दर्जनों लोग भी गिरफ्तार किए गए हैं। पुलिस ने अलोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्वक पीड़िता के गांव जा रहे समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री  रामजी लाल सुमन को भी इसी तरह रोका था।
पीड़िता के पक्ष में कैण्डिल मार्च निकाल रही महिलाओं के साथ भी पुलिस का रवैया उत्पीड़नकारी रहा। नौजवानों के विरोध प्रदर्शन पर तो बर्बरता से लाठीचार्ज हुआ और कई छात्र-युवा नेता घायल हुए जो अपना इलाज करा रहे हैं। कईयों को जेल भी भेजा गया है। संविधान में विपक्ष के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी है, उसे भाजपा सरकार ने मजाक बना दिया है।
हाथरस में भाजपा सरकार ने सत्तापक्ष के नेताओं के लिए कोई पाबंदी नहीं लगाई है जबकि जनता और विपक्ष को धारा 144 के नाम पर रोका जा रहा है। मृतका के गांव और क्षेत्र में समाजवादी पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता कई दिनों से अघोषित बंदी बना के रखे गए हैं। भाजपा सरकार विपक्ष को कुचलने के घातक मन्सूबे से पेश आ रही है।
हाथरस में मृतका के परिजनों को शासन के आदेश पर प्रषासन ने दौड़ा दौड़ाकर मारा है। मुख्यमंत्री जी एक बेटी को गरिमापूर्ण जीवन तो दे नहीं सके उन्होंने उसकी सम्मान जनक अंतिम विदाई भी छीन ली। रात्रि में रीति रिवाज के विपरीत दाह संस्कार और जलाने की जो प्रक्रिया अपनाई गई उससे अधिक शर्मनाक कोई बात नहीं हो सकती है। अब जनता भी ऐसे सत्ताधारियों को दौड़ा दौड़ाकर इंसाफ की चैखट तक खींच करके ले जाएगी।
हाथरस के बाद बलरामपुर में भी एक बेटी के साथ बलात्कार और उत्पीड़न का घृणित अपराध हुआ है। घायलावस्था में उसकी भी मृत्यु हो गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर समाजवादी पार्टी बलरामपुर के जिलाध्यक्ष  राम निवास मौर्या एवं पूर्व मंत्री डाॅ0 एस.पी. यादव के नेतृत्व में ग्राम पंचायत मझौली ब्लाक गैसड़ी तहसील तुलसीपुर में प्रतिनिधिमण्डल ने जाकर पीड़िता के परिवारीजनों से भेंट कर उन्हें सांत्वना दी कि उन्हें न्याय दिलाने के लिए समाजवादी पार्टी संघर्ष करेगी। समाजवादी पार्टी ने राज्य सरकार से पीड़िता के परिवार को 50 लाख रूपये की मदद, एक सदस्य को नौकरी तथा आवास दिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि ये घटनाएं जताती है कि मुख्यमंत्री जी का प्रशासन पर तनिक भी नियंत्रण नहीं रह गया है। वे दिखावे भर के मुख्यमंत्री बने हुए हैं।
 राजधानी लखनऊ में आज 1090 वूमेन पावर लाइन चैराहा और विधान भवन के सामने हाथरस की घटना और प्रदेश में कानून व्यवस्था के ध्वस्त होने के विरोध में समाजवादी नौजवानों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर पुलिस ने लाठी भांजी और गिरफ्तारी की।
भाजपा सरकार को याद रखना चाहिए कि जनता की आवाज को कुचलने का अहंकार जिसने पाला, उसे जनाक्रोश का सामना करना पड़ा है। युवा शक्ति ही परिवर्तन लाती है। उसको कुचलने का दुष्परिणाम सामने आता है। डाॅ0 लोहिया ने चेताया था कि जिन्दा कौमे पांच साल इंतजार नहीं करती है। जनता के सब्र का बांध टूटता है तो कुछ भी नहीं बचता है।
 

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