लखनऊ- राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने किया चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान, मुख्य सचिव को दी आंदोलन की चेतावनी

State Employees Joint Council announces:- लखनऊ. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने आज लखनऊ में ऑनलाइन संयुक्त परिषद के चरणबद्ध जागरूकता आंदोलन की घोषणा करते हुए इसकी आधिकारिक सूचना प्रदेश के मुख्य सचिव के आधिकारिक ईमेल पर प्रेषित कर दिया है।

State Employees Joint Council announces :-

उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति अवगत कराया है कि संविदा,आउटसोर्स कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाए जाने, उनका नियमितीकरण किया जाना, नगर भत्ता सहित अन्य 12 भत्तों को काटे जाने ,जेम पोर्टल की कार्यवाही समय बद्घ किए जाने, कर्मचारियों की समस्याओं के निस्तारण के लिए अलग पोर्टल बनाए जाने, पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली किए जाने, भारत सरकार के कार्यालय ज्ञाप दिनांक 17 फरवरी 2020 एवं 11 जून 2020 का क्रियान्वयन प्रदेश में कराया जाने, रिक्त पदों को भरे जाने, कार्यालयों में हेल्प डेस्क सक्रिय किए जाने एवं 50: रोस्टर लागू की जाने, परिवहन निगम सहित अन्य सरकारी विभागों में निजी करण पर रोक लगाए जाने, कर्मचारियों का अनावश्यक उत्पीडऩ रोके जाने, अनुसूचित प्राथमिक विद्यालयों को अनुदान सूची में लिए जाने एवं पदोन्नति के पदों को भरे जाने की मांग को लेकर मुख्य सचिव को जागरूकता आंदोलन की नोटिस भेज दिया है।

जे एन तिवारी ने अवगत कराया है कि कोविड-19 के दौरान कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहा है। 1000 से भी ज्यादा कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। अब जबकि प्रदेश अनलॉक की प्रक्रिया से गुजर रहा है, सभी सरकारी कामकाज सामान्य रूप से हो रहे हैं, मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री स्तर पर निरंतर बैठकें भी हो रही हैं, लेकिन कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए कोई रास्ता अभी भी नहीं खोला गया है, इससे कर्मचारियों में घोर निराशा एवं हताशा है।

उन्होंने मुख्य सचिव को नोटिस भेजते हुए 20 सितंबर तक का समय दिया है और अवगत कराया है कि यदि समय रहते कर्मचारियों की मांगों पर कार्यवाही नहीं की गई तो 21 सितंबर से प्रदेश का कर्मचारी जागरूकता आंदोलन चलाएगा। यह आंदोलन चरणबद्ध रूप से चलाया जाएगा। पहले चरण में 21 सितंबर से 20 अक्टूबर तक पत्र के माध्यम से कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के लिए जनपद शाखा एवं संबद्ध संगठनों के माध्यम से मुख्य सचिव को पत्र भेजा जाएगा। द्वितीय चरण में 21 अक्टूबर से 20 नवंबर तक सोशल मीडिया, व्हाट्सएप ग्रुप, फेसबुक लाइव, इंस्टाग्राम,ट्विटर, ईमेल ,जूम, रूम एवं अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा।

तीसरे चरण में 23 अक्टूबर से 20 दिसंबर तक मंडल स्तर पर सम्मेलन कर कर्मचारियों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा चौथे एवं अंतिम चरण में 27 दिसंबर को लखनऊ में सांकेतिक धरना प्रदर्शन कर मांगों का ज्ञापन दिया जाएगा। तिवारी ने मुख्य सचिव से अपील किया है कि कर्मचारी कोविड-19 के भगाने में लगा हुआ है, ऐसे में कर्मचारियों की मांगों पर तत्काल कार्यवाही किया जाए अन्यथा प्रदेश में बड़े आंदोलन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

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