लोक भारती का गोमती संरक्षण सप्ताह: आज विकास की अंधी दौड़ में नदी और वृक्ष दोनों जीवन संकट में

लखनऊ। गोमा को अविरल बनाने के लिए लोकभारती के गोमती संरक्षण सप्ताह में आज काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया काव्य गोष्ठी में आए कवियों ने अपनी अपनी रचनाओं के माध्यम से विचार व्यक्त किए
भारत के जनमानस में नदी और वृक्ष देवता की भारत में पूजन की परंपरा है परंतु आज विकास की अंधी दौड़ में इन दोनों का जीवन संकट में है और इस पर कुठाराघात कोई अन्य नहीं इससे पोषित होने वाले मनुष्य हैं उक्त संदेश कवियों ने दिए यह काव्य गोष्ठी अपने आप में अनुपम रही जिसमें सभी कवियों ने क्रिकेट पर्यावरण और नदियों के ऊपर कविताओं का पाठ किया डॉ प्रवीण त्रिपाठी के संचालन में संपन्न काव्य गोष्ठी में चंद्रभूषण त्रिपाठी कृष्णानंद राय डॉ स्नेह लता वीरेंद्र शुक्ला एसपी सिंह डॉ रविंद्र सिंह सुनील बाजपेई आदि कवियों ने काव्य पाठ से श्रोताओं की भूरिभूरि प्रशंसा प्राप्त की कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे समाजसेवी सुधीर हलवासिया ने कहा कि गोमती के प्रति स्वाभाविक लगाओ लखनऊ वासियों का था परंतु नदियों की पवित्रता और उसकी कसम खा कर हम अपनी सत्यता और सत्य निष्ठा प्रकट करते हैं परंतु समाज के साथ ही सरकार की ओर से भी नदियों को स्वच्छ रखने के लिए जागरूकता के अनेक प्रयास होने चाहिए जो कि चल भी रहे हैं इसी कड़ी में लोग भारतीय का यह कवि सम्मेलन है जिसमें सभी कवियों ने पर्यावरण और नदियों पर काव्य पाठ कर सुंदर संदेश दिया है।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के पूर्व निदेशक बृजेश चंद्र तथा अध्यक्ष समाजसेवी सुधीर हलवासिया थे ।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से लोक भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री बृजेंद्र पाल सिंह साथ में संपर्क प्रमुख श्री कृष्ण चौधरी भी मौजूद थे।

 

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