वाराणसी के व्यापारी सरकार के खिलाफ हुए लामबंद, सरकार से की ये मांग…

businessmen mobilized government demand Varanasi:- वाराणसी के व्यापारी सरकार के खिलाफ हुए लामबंद, सरकार से की ये मांग…

businessmen mobilized against government :-

वाराणसी. आज राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन नवनियुक्त राष्ट्रीय वरिष्ठ संगठन मंत्री अजीत सिंह बग्गा द्वारा प्रदेश के व्यापारियों की समस्याओ पर चिंता जताया।

उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग कि है कि कोरोना संकट काल में लॉकडाउन से प्रभावित छोटे व्यापारियों, दुकानदारो, मझले कारोबारियों को राहत प्रदान किए जाने हेतु…

6 माह की फीस में 50% की छूट दी जाए
  1. अप्रैल – अगस्त 6 महीने के बिजली बिलों में फिक्स चार्ज और मिनिमम चार्ज का समायोजन किए जाये ,
  2. छात्र-छात्राओं को विभिन्न स्कूल कॉलेजों के माध्यम से 6 माह की फीस में 50% की छूट दी जाए ।

  3. व्यापारिक एवं औद्योगिक आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाकर गति प्रदान करने हेतु 15 करोड़ तक का वार्षिक टर्नओवर कारोबार करने वाले उद्यमियों को 6% ब्याज दर पर 2 साल के टर्नओवर के 10 परसेंट धनराशि के बराबर ऋण उपलब्ध कराया जाये ।
व्यापारिक और निजी ऋण के ब्याज को पूर्णरूप में माफ किया जाए
  1. लॉकडाउन की सम्पूर्ण अवधि के दौरान व्यापारिक और निजी ऋण के ब्याज को पूर्णरूप में माफ किया जाए ।
  2. भारत सरकार की नीति के अनुरूप मंडी परिसर में भी मंडी शुल्क को समाप्त किया गया है
  3. यूजर चार्ज शुल्क को समाप्त किया जाये ।
  4. दशकों पुराने साहूकारी अधिनियम एवं बाट माप अधिनियम में व्यवहारिक संशोधन किए जाए ।
  5. जीएसटी पोर्टल में आवश्यक संशोधन किए जाने के साथ ही पोर्टल और सर्वर में खराबी होने पर जुर्माना / दंड नहीं लगाया जाए ।
  6. व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत कोराना से मृतक हुए
  7. पंजीकृत व्यापारी को भी दुर्घटना से मृत्यु मानकर दुर्घटना बीमा योजना का लाभ दिया जाए ।
पंजीकृत व्यापारी का जीएसटी रिफंड तत्काल वापस किया जाए
  1. व्यापारी का जीएसटी रिफंड तत्काल वापस किया जाए ।
  2. व्यापारिक एवं औद्योगिक प्रतिष्ठानों में किसी प्रकार की आपदा आग, जलभराव , प्राकृतिक आपदा अथवा अपराधिक
  3. घटनाओं का शिकार होकर लूट, डकैती , राहजनी आदि का शिकार होने वाले व्यापारी उद्यमी को सहायता प्रदान किए जाने हेतु
  4. प्रदेश में मुख्यमंत्री व्यापारी आपदा राहत कोष की स्थापना की जाए ।
  5. डीज़ल और पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए ताकि उद्योगों और ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री को राहत मिले ।
 

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