विकास गया तेल लेने, आरक्षण के तवे पर सिकेंगी रोटियां 

कमलेश श्रीवास्तव
लखनऊ। अब यह कोई खबर नहीं कि आगामी चुनाव में मोदी के मुकाबले मायावती होंगी। खबर यह है कि भाजपा आरक्षण की तलवार से ही आम चुनाव में मायावती का मुकाबला करेगी। डिजिटल इंडिया और विकास इस चुनाव में कहीं नहीं होंगे। जल्‍द ही आरक्षण की आंच में वोटबैंक फ्राई होगा।

यह तो 23 मई को ही तय हो गया था कि मायावती विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री का चेहरा होंगी। यूपी ही नहीं यूपी से बाहर कई अखबार लिख चुके हैं कि देश भर की 155 लोकसभा सीटों पर मायावती असर डाल सकती हैं। अखिलेश यादव ममता बनर्जी लालू का राजद एचडीदेवेगौडा सहित कई दल मायावती के नाम पर राजी हैं। सोनिया गांधी भी अभी राहुल को लेकर दांव नहीं खेलना चाहती। उनकी पसंद भी मायावती हैं। मायावती के सामने होने की संभावना से भाजपा ने प्रमोशन में आरक्षण का दांव चला जबकि सुप्रीम कोर्ट ने अभी अंतिम निर्णय नहीं दिया है।

मायावती के बढते कद के कारण ही तीन साल से दबा प्रमोशन में आरक्षण का मुद्दा जानबूझ कर उठाया गया है। लखनऊ से उठी आरक्षण विरोधी आग पूरे देश को झुलसायेगी। इसमें कोई दो राय नहीं वर्ष 2019 का चुनाव आरक्षण की पिच पर खेला जायेगा। जिधर जितनी आंच होगी उधर उतना ही वोटबैंक मजबूत होगा। भाजपा की असली चिंता अब सिर्फ और सिर्फ मायावती ही हैं। कांशीराम विश्राम स्‍थल पर बैकफुट पर आना और प्रमोशन में आरक्षण में जल्‍दबाजी करना कम से कम यही दर्शाता है। आरक्षण पर सरकार का मीडिया मैनेजमेंट भी गजब का है। 16 जून के एनबीटी के फ्रंट पेज को देखिये। प्रमोशन में आरक्षण को किसी तरह निपटा दिया है वहीं योगी के सम्‍पर्क फॉर समर्थन में डॉ: मंसूर हसन से मिलने की खबर टॉप बैनर बॉक्‍स है।

 

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