विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का बयान देश प्रेमियों के लिये पीड़ादायक – प्रमोद तिवारी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा है कि भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव द्वारा दिया गया बयान कि‘‘ इस मकसद को हासिल करने की दिशा में कुछ प्रगति हुई है लेकिन अभी तक सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।

सैनिकों की वापसी पूरी तरह से नहीं हुई है’। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का यह बयान देश से प्रेम करने वाले किसी भी देश प्रेमी भारतीय के लिये पीड़ादायक है। चीन की तरफ से पैंगोंग लेक, गोगरा, हॉट स्प्रिंग, गलवन वैली और देसपांग में नयी एल.ए.सी. निर्धारित करने की कोशिश हो रही है। चीन ने भारतीय सीमा का जितना अतिक्रमण किया था उससे थोड़ा पीछे तो हटा है किन्तु वास्तविक तौर पर अभी भी वह एल.ए.सी. के काफी भीतर है।

तिवारी ने कहा कि यदि चीन एल.ए.सी. के इस तरफ भारत भूमि के अन्दर है तो आदरणीय प्रधानमंत्री जी का वह बयान कि ‘’न तो कोई हमारी सीमा में घुसा है और न ही हमारी कोई पोस्ट किसी के कब्जे में है’’। यह देश का सबसे बड़ा ‘‘राष्ट्र को गुमराह’’ करने वाला झूॅठा बयान है। ‘‘सेटेलाइट’’ की तस्वीरें भी भारतीय विदेश मंत्रालय के कथन का समर्थन कर रही है तो फिर आदरणीय प्रधानमंत्री जी इस तरह का झूंठा बयान देकर देश को क्यों गुमराह कर रहे हैं ? यह देश की जनता के विश्वास पर गहरा आघात है। प्रधानमंत्री जी को देश के सामने ‘‘सेटेलाइट’’ की फोटो के साथ स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए।

कसा तंज, कहा, भाजपा सरकार के रक्षामंत्री के घर पर ली गयी रिश्वत
तिवारी ने कहा है कि सी.बी.आई. अदालत ने जया जेटली, गोपाल पचरवाल तथा सेवानिवृृत्त मेजर जनरल एस. पी. मुरगई को चार- चार साल की सजा सुनाते हुये एक- एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। तीनों को हाथ से चलाये जाने वाले ‘‘थर्मल इमेजर्स’’ की कथित खरीद मामले में भ्रष्टाचार तथा अपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया गया था। भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे स्व. बंगारू लक्ष्मण जी और भा.ज.पा. सरकार के तत्कालीन रक्षा मंत्री के आवास पर ली गयी रिश्वत के प्रकरण में अब सजा की मुहर लग गयी है।

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Back to top button