सिंगापुर की ऐतिहासिक बैठक में ट्रंप को प्‍योंगयोंग आने का न्‍योता दे सकते हैं किम

सिंगापुर। सिंगापुर में मंगलवार को होने वाली ऐतिहासिक बैठक पर पूरी दुनिया की नजरें लगी हैं। इस बैठक के लिए अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन सिंगापुर पहुंच चुके हैं। ये दोनों ही नेता यूं तो अलग-अलग होटल में रुके हैं लेकिन इनकी मंजिल सिंगापुर का होटल सेंटोसा है। टंप को इस्ताना के शंग्रीला होटल में ठहराया गया है। ट्रंप ने यहां आने के बाद सिंगापुर के प्रधानमंत्री से अलग से मुलाकात की है। इसके अलावा किम भी सिंगापुर के प्रधानमंत्री एलएच लूंग से अलग से मुलाकात करेंगे। दुनियाभर की मीडिया की नजरें इस वक्‍त सिंगापुर की तरफ मुड़ी हुई हैं। माना जा रहा है कि य‍ह बैठक बंद कमरे में होगी। नॉर्थ कोरिया की समाचार एजेंसी ने केसीएनए के हवाले से यहां तक कहा है कि किम अगले दौर की वार्ता के लिए ट्रंप को प्‍योंगयोंग आने का न्‍योता भी दे सकते हैं।

चीन के विमान से सिंगापुर पहुंचे किम 
आपको यहां ये भी बता दें कि ट्रंप यहां पर जहां अपने सुपर सिक्‍योर प्‍लेन एयरफोर्स वन से पहुंचे हैं वहीं किम चाईना के बोइंग 747 से सिंगापुर पहुंचे हैं। यह विमान चीन के राष्‍ट्रपति का प्राइवेट जेट है। दरअसल, किम का अपना विमान काफी पुराना है और सुरक्षा के मद्देनजर इस विमान से सफर करना सही नहीं माना गया। यही वजह है कि किम ने सिंगापुर के लिए चीन के विमान का इस्‍तेमाल किया है। आपको बता दें कि चीन के शीर्ष नेता B-2443, B-2445, B-2447, B-2472 विमान से सफर करते हैं। इनमें से B-2447, राष्‍ट्रपति के लिए सुरक्षित है। लेकिन खाली समय में इसको यात्री विमान में बदल दिया जाता है। राष्‍ट्रपति के सफर करने की सूरत में इसमें फिर प्राइवेट रूम, ऑफिस, बैडरूम, रिसेप्‍शन एरिया आदि की सुविधा मुहैया करवाई जाती हैं। हालांकि इस विमान में एयरफोर्स वन की तरह मिसाइल हमले से बचाव की अत्‍याधुनिक तकनीक नहीं लगी है।

ट्रंप को प्‍योंगयोंग आने का न्‍योता
आपको बता दें कि ट्रंप ने सिंगापुर रवाना होने से पहले किम और इस वार्ता को लेकर बड़ी बात की थी। उन्‍होंने कहा था कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो वह किम जोंग उन को व्‍हाइट हाउस में आने का न्‍योता देंगे। अब इसी तरह का बयान किम की तरफ से भी आया है। दक्षिण कोरिया की समाचार एजेंसी यॉनहॉप के मुताबिक उत्तर कोरिया की स्‍थानीय मीडिया की तरफ से कहा गया वह ट्रंप को प्‍योंगयोंग आने का न्‍योता देंगे। यॉनहॉप के मुताबिक सब कुछ ठीक रहा तो किम और ट्रंप के बीच अगली बैठक प्‍योंगयोंग में भी हो सकती है। बहरहाल, यह सब कुछ मंगलवार को होने वाली बैठक पर निर्भर करेगा।

किम के साथ उनकी बहन भी पहुंची सिंगापुर
मंगलवार को होने वाली बैठक के लिए उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री समेत फिलीपींस में मौजूद उत्तर कोरिया के राजदूत भी इस बैठक में हिस्‍सा लेने के लिए सिंगापुर पहुंच चुके हैं। माना जा रहा है कि किम इस बैठक को लेकर काफी संजीदा हैं और वह इस बैठक को खाली नहीं जाने देंगे। इस बैठक में हिस्‍सा लेने के लिए किम के साथ उनकी बहन किम यो जोंग और रक्षा मंत्री नो क्‍वांग चोल, विदेश मंत्री री योंग हो भी सिंगापुर पहुंचे हैं। यहां आपको बता दें कि जब से किम ने अपनी बहन जोंग को पोलित ब्‍यूरो में अहम जिम्‍मेदारी सौंपी है तब से ही किम की छवि में बदलाव भी आया है। विंटर ओलंपिक में जोंग ने दोनों देशों के बीच संबंधों का मजबूत पुल बनाने में अहम भूमिका अदा की थी। इनके अलावा उत्तर कोरिया की गायिका ह्योन सोंग वूल भी सिंगापुर पहुंची हैं।

बंद कमरे में बैठक
इस दौरान अमेरिका और उत्तर कोरिया के अधिकारियों की मंगलवार को होने वाली बैठक से पहले भी कुछ दौर की बैठक बंद कमरे में हो चुकी है। ट्रंप के साथ इस सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने आए माइक पोंपेयो ने इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि दोनों अधिकारियों की बैठक लगातार चल रही है। इस बैठक को लेकर राष्‍ट्रपति ट्रंप काफी आश्‍वस्‍त हैं और अमेरिका के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। दूसरी और उत्तर कोरियाई समाचार एजेंसी केसीएनए ने कहा है कि इस बैठक में दोनों नेता कोरियाई प्रायद्वीप में शांति स्‍थापित करने का हल तलाशने के लिए बात करेंगे। बैठक में कोशिश की जाएगी कि लंबे समय तक चलने वाला हल तलाश कर लिया जाए।

ट्रंप-किम मुलाकात के ‘डीलमेकर’
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की 12 जून को सिंगापुर में मुलाकात प्रस्तावित है। इन दोनों नेताओं की मुलाकात निर्विघ्न संपन्न हो, इसके लिए दोनों तरफ से राजनयिकों की बड़ी टीम काम कर रही है। ये डीलमेकर ही तय करेंगे कि इस मुलाकात का क्या परिणाम होता है और कौन किस पर भारी पड़ता है।

जॉन बोल्टन
अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार
ये उ. कोरिया को फूटी आंख नहीं सुहाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि गद्दाफी द्वारा आत्मसमर्पण कर देने के बाद की गई उसकी हत्या को बोल्टन ने समझौते की आदर्श स्थिति बताया।

एंड्रयू किम
कोरिया मिशन सेंटर के प्रमुख
अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी सीआइए में रहकर वर्षों से उत्तर कोरिया पर काम करने के बाद उन्हें कोरिया मिशन सेंटर का प्रमुख बनाया गया। वह धाराप्रवाह कोरियाई भाषा बोलते हैं और भरोसेमंद हैं।

किम यो जोंग
वैकल्पिक सदस्य, कोरियाई पोलितब्यूरो
तानाशाह की सबसे छोटी बहन ने द. कोरिया में आयोजित शीत ओलंपिक में सरकार का प्रतिनिधित्व किया। इसने ही किम की दक्षिण कोरिया दौरे की राह खोली।

योंग हो
कोरियाई विदेश मंत्री
2016 से किम के विश्वसनीय हैं। सिंतबर में यह बयान देकर सुर्खियों में आए कि उत्तर कोरिया अटलांटिक पर हाइड्रोजन बम गिरा सकता है और ट्रंप को दुष्ट राष्ट्रपति कहा।

जोइ हेजिन
डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ
अशांत व्हाइट हाउस में शांति बनाए रखने का श्रेय इन्हें जाता है। सिंगापुर समिट के लिए लॉजिस्टक्स जुटाने वाली अमेरिकी टीम के प्रमुख हैं। पूर्व राष्ट्रपति बुश के कार्यकाल में ऐसा ही पद संभाल चुके हैं।

एलीसन हूकर
अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में कोरिया डायरेक्टर कोरियाई और पूर्वी एशिया-प्रशांत के मसलों की विश्लेषक थीं। हाल ही में दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन के साथ ट्रंप की बेटी इवांका के डिनर में साथ गई थीं।

किम चांग सोन [चीफ ऑफ स्टाफ]
उत्तर कोरिया लीडरशिप वॉच संस्था के मुताबिक किम जोंग उन के विदेश दौरे तय करने, प्रोटोकॉल और दस्तावेजों पर नजर रखने की जिम्मेदारी निभाते हैं। सम्मेलन के लॉजिस्टिक्स तय करने के लिए पिछले महीने सिंगापुर गए थे।

किम के ग्वान
उत्तर कोरिया के प्रथम उप विदेश मंत्री अमेरिका द्वारा परमाणु हथियार खत्म करने की एक तरफा मांग रखने पर कोरिया के समिट बहिष्कार करने का बयान देकर सुर्खियों में रहे।

 

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