25 सीटों की मांग कर रहे नीतीश के लिए बीजेपी से 15 सीटें भी पाना मुश्किल है!

पटना। कर्नाटक विधानसभा चुनाव और कैराना उपचुनाव के बाद विपक्षी एकजुटता से मात खाए बीजेपी पर दबाव डालने के लिए नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने अपना दांव चलना शुरू कर दिया है. बिहार में गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने के बावजूद अपने बौने सियासी कद से हताश पार्टी अब इस कोशिश में है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उसे सम्मानजनक सीटें मिल जाएं. बीजेपी को विपक्षी एकजुटता से डराते हुए जेडीयू ने बिहार की लोकसभा की कुल 40 सीटों में से 25 सीटों की मांग की है. लेकिन सवाल है कि क्या ये मुमकिन है: राजनीति संभावनाओं का खेल है, लेकिन इसके बावजूद इसका सीधा जवाब है नहीं.

दरअसल, बिहार में लोकसभा की 40 सीटों में से बीजेपी और उसके पुराने गठबंधन (बीजेपी+एलजेपी+आरएलएसपी) 31 सीटों पर काबिज है. जेडीयू के पास महज़ दो सांसद हैं. बीजेपी के पास अकेले लोकसभा की 22 सीटें हैं. रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के पास 6 और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (आरएलएसपी) के पास 3 सीटें हैं.

नीतीश के लिए कितनी सीटें बचती हैं?
अब जेडीयू से गठबंधन की हालत में बीजेपी के पास देने के लिए महज़ 9 सीटें हैं. 2014 का गठबंधन जारी है, इसलिए बीजेपी के पास नीतीश की पार्टी को सीटें देने के लिए विकल्प बहुत ही सीमित हैं. मौजूदा स्थिति में नीतीश की पार्टी को किसी गठबंधन पार्टनर के अलग हो जाने या मौजूदा कुछ सांसद के पार्टी छोड़ने या टिकट कटने के आसरे पर 9 से ज्यादा टिकट पाने का विकल्प दिखता है. ऐसे में कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि जेडीयू को 15 सीट भी मिल पाए, ये भी मुश्किल लगता है.

जेडीयू क्यों 25 सीटें मांग रही है?
दरअसल, 2009 से पहले बिहार में जेडीयू बड़े भाई की भूमिका में होती थी. तब जेडीयू 25 और बीजेपी 15 सीटों पर चुनाव लड़ती थी, लेकिन 2013 बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन टूटा और 2014 के चुनाव में तस्वीर बदल गई. कभी 15 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली बीजेपी 22 सांसदों की पार्टी बन गई और बड़ा भाई जेडीयू दहाई का आंकड़ा भी नहीं पा कर सकी.

अब इस बदले सियासी तस्वीर में जेडीयू की खुमारी उतर नहीं रही है. उसे लगता है कि विपक्षी एकजुटता को दिखकर बीजेपी से ज्यादा सीटें हड़प ली जाए. एक्सपर्ट की जुबानी बिहार में सीट बंटवारे की कवायद इतनी आसान नहीं होगा.

जेडीयू के लिए राहत की खबर ये है कि इस मुद्दे पर जब एबीपी न्यूज़ ने सुशील कुमार मोदी से सवाल किया तो उनका जवाब बड़ा नरम था. वो नीतीश और जेडीयू को बड़ा बताते दिखे, लेकिन सीटों के बंटवारों के सवाल को बड़ी ही चालाकी से टालते दिखे और ये कहा कि अभी वक़्त है. हम सीटों को बंटवारा बिना किसी मतभेद के कर लेंगे.

बिहार में किस पार्टी के पास लोकसभा की कितनी सीटें

बीजेपी———– 22
एलजेपी———-06
आरएलएसपी—-03
जेडीयू- ———-02
आरजेडी- ——–04
कांग्रेस- ———-02
एनसीपी———-01
कुल————–  40

 

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