41000 पुलिस भर्ती के पुनरीक्षित परिणाम में सभी अभ्यर्थियों पर होगा विचार

लखनऊ। 2013 की 41000 पुलिस भर्ती के मामले में प्रदेश सरकार पुनरीक्षित चयन सूची जारी करने में शेष बचे सभी 13 हजार अभ्यर्थियों को पर विचार करने को तैयार है। महिला अभ्यर्थियों को सही तरीके से क्षैतिज आरक्षण का लाभ देते हुए रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए मेरिट के आधार पर सभी के नामों पर विचार होगा। इससे पूर्व पुलिस विभाग सिर्फ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले अभ्यर्थियों के नाम पर विचार करने के लिए तैयार था।

अंकित कुमार सहित अन्य तमाम याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने सरकार के आश्वासन के बाद याचिकाएं निस्तारित कर दीं। याचिका पर अधिवक्ता विजय गौतम, सीमांत सिंह, शाहिद अली सिद्दीकी आदि ने पक्ष रखा। पुलिस भर्ती बोर्ड ने 41 हजार कांस्टेबल भर्ती में महिलाओं को सामान्य की सीटों पर क्षैतिज आरक्षण देकर नियुक्ति कर दी।

इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गईं। हाईकोर्ट ने क्षैतिज आरक्षण वर्ग वार देते हुए पुनरीक्षित परिणाम जारी करने का निर्देश दिया। सामान्य की सीटों से महिलाओं का क्षैतिज आरक्षण समाप्त करने के बाद जो सीटें रिक्त हो रही हैं, उन पर बचे हुए अभ्यर्थियों को मेरिट के अनुसार नियुक्ति देनी थी।

पुलिस भर्ती बोर्ड ने रिक्त हुई सीटों पर पहले सभी अभ्यर्थियों को मौका देने की बात कही थी, मगर बाद में उसने निर्णय बदलते हुए सिर्फ ऐसे अभ्यर्थियों को बुलाया जिन्होंने हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की थीं। इसके खिलाफ बाकी अभ्यर्थी भी कोर्ट चले गए।

हाईकोर्ट के जवाब मांगने पर सरकार ने स्वयं निर्णय लिया कि बचे हुए सभी 13000 अभ्यर्थियों पर विचार किया जाएगा। अपर महाधिवक्ता अजीत सिंह ने कोर्ट को इस बारे में जानकारी दी। इसके बाद कोर्ट ने याचिकाएं निस्तारित कर दीं।

 

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