मनी लॉन्ड्रिंग मामले में विजय माल्या की संपत्तियों को अटैच करने का आदेश

नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में कारोबारी विजय माल्या की संपत्तियों को अटैच करने का आदेश दिया है. अदालत ने फॉरेन एक्सचेंज रेग्युलेशन एक्ट (FERA) के उल्लंघन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में यह निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 5 जुलाई की तिथि मुकर्रर की गई है. आपको बता दें कि विजय माल्या 9000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वांछित है और मार्च 2016 से लंदन में रह रहा है. माल्या के प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन की अदालत में भी केस चल रहा है.

इससे पहले विजय माल्या ने कहा था कि कर्नाटक के आगामी विधानसभा चुनावों में वोट डालना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है. हालांकि, उन्होंने अफसोस जताया कि वह भारत की यात्रा नहीं कर सकते, जहां वह धोखाधड़ी और धनशोधन के मामलों में आरोपित हैं. माल्या ने पहली बार 10 अप्रैल 2002 से नौ अप्रैल 2008 तक संसद के उच्च सदन में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व किया था.

अपने प्रत्यर्पण से जुड़े मुकदमे की सुनवाई के सिलसिले में वेस्टमिंस्टर की मजिस्ट्रेट अदालत पहुंचे माल्या ने अदालत के बाहर पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘कर्नाटक में वोट डालना मेरा लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन जैसा कि आप जानते हैं कि मैं यहां हूं और यात्रा नहीं कर सकता.’ विजय माल्या को दोबारा एक जुलाई 2010 को राज्यसभा के लिए चुना गया. हालांकि, 30 जून 2016 को अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उन्होंने पांच मई 2016 को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. वह मार्च 2016 से ब्रिटेन में हैं.

कर्नाटक चुनाव पर माल्या की राय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मैं राजनीति पर करीबी से नजर नहीं रख पा रहा हूं, लिहाजा (चुनावों पर) मेरी कोई राय नहीं है. ’ आगामी 12 मई को 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) बैंकों के 9000 करोड़ का लोन न चुकाने के मामले में आरोपी विजय माल्या की संपत्तियां जब्त करेगा. ईडी यह कार्रवाई क्रिमिनल प्रोसिजर कोड सेक्शन-83 के तहत होगी.

विजय माल्या पर कितना कर्ज?
विजय माल्या के स्वामित्व वाली किंगफिशर एयरलाइन्स पर 17 बैंकों का 6963 करोड़ रुपए का कर्ज है. हालांकि, ब्याज मिलाकर यह कर्ज कुल 9400 करोड़ रुपए से ज्यादा है. आरोप है कि विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइन्स ने IDBI से मिले 900 करोड़ रुपए के लोन में से 254 करोड़ रुपए का निजी इस्‍तेमाल किया. आपको बता दें, किंगफिशर एयरलाइन्स को 2012 में बंद कर दिया गया था और 2014 में फ्लाइंग परमिट भी रद्द किया गया था.

 

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