6 महीनों तक 5G डिवाइस और स्पेक्ट्रम का ट्रायल होने के बाद इस चीज़ पर विचार करेगी सरकार

5G का ट्रायल इस साल सितंबर से शुरू हो सकता है. मुमकिन है कि टेलीकॉम डिपार्टमेंट कंपनियों को उनके 5G नेटवर्क की टेस्टिंग के लिए स्पेक्ट्रम मुहैया कराना शुरू करें. फिलहाल मोबाइल फोन पर 4G नेटवर्क चलता है

दूरसंचार विभाग देश में इस सेवा को पूरी तरह से शुरू करने से पहले इसका अच्छे से ट्रायल करना चाहता है. रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से दावा किया गया है कि कंपनियों को कम से कम 6 महीनों तक 5G डिवाइस और स्पेक्ट्रम का ट्रायल करना होगा.

रिपोर्ट के मुताबिक अगर यह ट्रायल सफल होता है तो उसके बाद ही अगले साल ही 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी पर सरकार विचार करेगी. 5G के आने से देश में इंटरनेट की स्पीड में और ज्यादा तेजी आएगी और लोगों का इंटरनेट अनुभव बेहतर होगा.

देश में अभी तक 4G सर्विस चल रही है, जिसकी शुरुआत 2012 में ब्रॉडबैंड के तौर पर हुई थी. 2014 में एयरटेल ने इसे मोबाइल सेवा में भी उतारा था. इसके बाद धीरे-धीरे सभी प्रमुख कंपनियां इस सेवा में उतर गई थीं.

 

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