कौन बनेगा करोड़पति में तेजबहादुर ने जीते 50 लाख रुपए
तेजबहादुर सिंह ने घर के खर्चे चलाने के लिए खेती से थकने के बाद पेनकिलर खाकर अपनी पढ़ाई की। तेज बहादुर का छात्र जीवन बेहद संघर्षपूर्ण है। तंगहाली और गरीबी में उसे अपना भविष्य शिक्षा के अलावा कुछ नही दिख रहा।
Kaun Banega Crorepati : तेजबहादुर सिंह ने घर के खर्चे चलाने के लिए खेती से थकने के बाद पेनकिलर खाकर अपनी पढ़ाई की। तेज बहादुर का छात्र जीवन बेहद संघर्षपूर्ण है। तंगहाली और गरीबी में उसे अपना भविष्य शिक्षा के अलावा कुछ नही दिख रहा।
यही वजह है कि अपने खेत मे मजदूरी करने के बाद जब यह थक जाता था तो पढ़ाई करने के लिए वह पेनकिलर दवाई का सहारा लेता था। 50 लाख जीतने के बाद वह इस पैसे को घर और पढ़ाई पर खर्च करेगा।
थाना क्षेत्र के गांव वसुधरन निवासी किसान के बेटा तेजबहादुर ने कौन बनेगा करोड़पति (Kaun Banega Crorepati) में 50 लाख रुपए की राशि जीतने के बाद तेज बहादुर ने बताया कि वह जीते गए पैसे से सबसे पहले अपना घर बनवाएगा।
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पिता की नौकरी जाने के बाद उसके घर में काफी तंगी आ गई
बरसात होने पर उसके घर में पानी भर जाता है जिससे परिवार के लोगों को काफी परेशानी होती है। वह मां के गिरवी रखे कुंडलो को छुड़ाएगा और अपने छोटे भाई की बीएससी की पढ़ाई पूरी करवाएगा। तेजबहादुर का कहना है कि कोविड-19 के कारण पिता की नौकरी जाने के बाद उसके घर में काफी तंगी आ गई जिसके बाद उसने कुछ करने की ठान और ज्यादा मेहनत करना शुरू कर दी। पढ़ाई के लिए पैसे की कमी आई तो उसने खेतो में जाकर मजदूरी भी की।
6 हजार लोगों में सेलेक्शन हो गया
खेत से आने के बाद जब वह थक जाता था तो पैनकिलर खाकर अपनी पढ़ाई करता था। मई माह से उसने केबीसी में जाने की तैयारी शुरू कर दी और टेलीविजन पर दिखाए जाने वाले सवालो के जवाब देने पर उसके पास केबीसी से फोन आया। फोन पर उससे तीन सवाल पूछे गए और सही जवाब देने के बाद उसको 6 हजार लोगों में सेलेक्शन हो गया और सोनी लाइव एन पर उसका आॅडिशन हुआ। आॅडिशन के बाद वीडियो काॅल के ज़रिए उससे 6 सवाल पूछे गए और पर्सनाल्टी और परिवार की स्थिति के बारे में पूछा गया।
सही जवाब देने के बाद वीडियो काॅल के ज़रिए उसके 20-20 सवालो के टेस्ट लिए गए।
इसके बाद उसे काॅल आई कि उसे मुम्बई आना है और केबीसी से ही उसका टिकट और रहने व खाने-पीने की सुविधा उपलब्ध करा दी गई। तेज बहादुर का कहना है कि उसके मकान में बिजली का कनेक्शन तक नही है और बिजली के लिए पिता ने सोलर पैनल लगा रखा है। उसका सपना आईपीएस बनना है और आईपीएस बनने के बाद गांव में इंटर काॅलेज का निर्माण कराना है ताकि तंगी के चलते कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न होने पाए।
रिपोर्ट – फजल उर रहमान बरेली
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