पूर्व राज्यपाल माता प्रसाद के निधन पर सपा प्रमुख ने जताया शोक, परिवार के प्रति व्यक्त की संवेदना
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अरूणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल एवं उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व राजस्व मंत्री माता प्रसाद (Mata Prasad) के निधन पर गहरा शोक जताया।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अरूणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल एवं उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व राजस्व मंत्री माता प्रसाद (Mata Prasad) के निधन पर गहरा शोक जताया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
भारतीय राजनीति में सादगी के उदाहरण रहे 96 वर्षीय श्री माता प्रसाद जी (Mata Prasad) का देर रात पीजीआई लखनऊ में निधन हो गया।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे माता प्रसाद
बता दें कि मशहूर साहित्यकार, प्रसिद्ध काव्य रचियता, नाट्य लेखक और बहुमुखी प्रतिभा के धनी माता प्रसाद (Mata Prasad) का मंगलवार देर रात निधन हो गया। अरुणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल और उत्तर प्रदेश के पूर्व राजस्व मंत्री के पद पर अपनी सेवा दे चुके माता प्रसाद लंबे समय से बीमार चल रहे थे, जिन्होंने 96 वर्ष की उम्र में लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में करीब 12 बजे अंतिम सांस ली। राजनीति में सादगी के उदाहरण माता प्रसाद के निधन की खबर मिलते ही सियासी गलियारे में शोक छा गया।
11 अक्टूबर 1924 को यूपी के जौनपुर जिले के मछलीशहर तहसील क्षेत्र के कजियाना मोहल्ले में माता प्रसाद (Mata Prasad) का जन्म हुआ था। जगरूप राम के पुत्र के रूप में जन्मे माता प्रसाद बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। माता प्रसाद ने वर्ष 1942-43 में मछलीशहर से हिंदी-उर्दू में मिडिल परीक्षा पास की थी।
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माता प्रसाद को लोकगीत लिखने और गाने का था शौक
माता प्रसाद (Mata Prasad) ने गोरखपुर जिले के नॉर्मल स्कूल से ट्रेनिंग के बाद जनपद के मड़ियाहूं ब्लॉक क्षेत्र के प्राइमरी स्कूल बेलवा में सहायक अध्यापक के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होंने गोविंद, विशारद के अलावा हिंदी साहित्य की परीक्षा पास की। माता प्रसाद को अध्यापन काल से ही लोकगीत लिखने और गाने का शौक हो गया था।
माता प्रसाद (Mata Prasad) राजनीति में स्वर्गीय बाबू जगजीवन राम को अपना आदर्श मानते थे। जिले के शाहगंज विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर 1957 से 1974 तक वे लगातार पांच बार विधायक रहे। माता प्रसाद की कार्य कुशलता को देखते हुए इन्हें 1955 में जिला कांग्रेस कमेटी का सचिव बनाया गया।
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