कासगंज एनकाउंटर पर उठाए सवाल, पूर्व विधायक ने चंबल के डकैतो से की यूपी पुलिस की तुलना

पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह ने चंबल के डकैतों से यूपी पुलिस की तुलना की गई है ,कासगंज में हुए एनकाउंटर का पूर्व विधायक ने किया विरोध ,पूर्व विधायक ने कहा जिन से देश और प्रदेश नही संभल रहा वह 5 बच्चे क्या संभालेंगे।

कासगंज (Kasganj) मे हुए घटनाक्रम पर शुरू हुई राजनीति,पूर्व विधायक जमीर उल्ला ने पुलिस एनकाउंटर पर सवाल उठाये है।चंबल के डकैतो से की गई है यूपी पुलिस तुलना,कासगंज पुलिस द्वारा शराब माफिया के एनकाउंटर का पूर्व विधायक ने विरोध किया है। साथ ही पूर्व विधायक ने कहा जिनसे देश और प्रदेश नही संभल रहा वह 5 बच्चे क्या संभालेंगे।

उत्तर प्रदेश के जिला कासगंज (Kasganj) के थाना सिढ़पुरा इलाके के गांव नंगला धीमर मे शराब मफियाओ और पुलिस के बीच हुए घटनाक्रम मे देवेंद्र नाम के सिपाही की मौत हो गई।तो वही गंभीर रूप से घायल हुऐ दरोगा का इलाज अलीगढ़ के जे एन मेडिकल कॉलेज मे लगातार जारी है।

पूर्व विधायक जमीर उल्ला ने पुलिस एनकाउंटर

वही पुलिस ने मुख्य आरोपी के भाई को मुठभेड़ के दौरान मार गिराया। पुलिस मुठभेड़ मे मारे गए बदमाश को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। जिसमे पूर्व विधायक जमीर उल्ला ने पुलिस एनकाउंटर पर सवाल उठाये है।

पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह ने चंबल के डकैतों से यूपी पुलिस की तुलना की गई है ,कासगंज (Kasganj) में हुए एनकाउंटर का पूर्व विधायक ने किया विरोध ,पूर्व विधायक ने कहा जिन से देश और प्रदेश नही संभल रहा वह 5 बच्चे क्या संभालेंगे।अलीगढ़ के पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह ने कहा कि पुलिसकर्मी की हत्या हुई उसका बहुत अफसोस है।

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प्रदेश के अंदर कोई कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं है

साथ ही पूरे ही प्रदेश के हमारे लोगो को अफसोस। लेकिन उसके बाद जो घटना हुई वह बहुत ही बदतमीजी वाली है। खून का बदला खून अगर पुलिस करेगी और सरकार करेगी तो बचेगा क्या। ना प्रदेश संभाल रहा ना देश संभल रहा है। दिल्ली के अंदर आंदोलन चल रहा है। प्रदेश के अंदर कोई कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं है।

बिल्कुल चंबल राज हो गया है

हमारा तो यह कहना है कि योगी जी को फौरन इस्तीफा देकर मठ चले जाना चाहिए। वह अपना मठ चलाए। उनके बस की बात नही है। यह बिल्कुल चंबल राज हो गया है। पहले डाकू यह काम किया करते थे।

हत्या का बदला हत्या अब पुलिस करेगी तो डाकू और पुलिस में क्या फर्क रह गया। कानून के रखवाले ही अगर कानून हाथ मे लेंगे तो बचेगा क्या। पहले जब यहा पर एनकाउंटर हुआ था वह भी फेक एनकाउंटर हुआ था मैंने उसमे भी आवाज उठाई थी।

 रिपोर्ट-  ख़ालिक़ अंसारी

 

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