US रिटेल कंपनी वॉलमार्ट पर भारत में करोड़ों रु. की रिश्वत देने का आरोप: रिपोर्ट
वॉशिंगटन। अमेरिका की मल्टीनेशनल रिटेल कंपनी वॉलमार्ट पर भारत में करोड़ों रुपए की रिश्वत देने के गंभीर आरोप लगे हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वॉलमार्ट ने लोकल ऑफिसर्स को घूस देकर उनसे कस्टम और रियल एस्टेट से जुड़े परमिट हासिल किए। हालांकि इस रिपोर्ट पर वॉलमार्ट की ओर से कोई बयान नहीं आया है। वॉलमार्ट के भारत में 21 रिटेल स्टोर हैं। अगले पांच साल में वह अपने स्टोर बढ़ाकर 50 करना चाहती है।
क्या कहती है मीडिया रिपोर्ट?
अमेरिकी न्यूजपेपर वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि वॉलमार्ट ने भारत में अपना सामान कस्टम से छुड़ाने या रियल एस्टेट के परमिट हासिल करने जैसे कई कामों के लिए पांच डॉलर (350 रु) से 200 डॉलर (13 हजार रुपए) तक ऑफिसर्स में बांटे। यह रिश्वत कई ट्रांजेक्शंस के दौरान कई बार, कई लोगों को दी गई। इस तरह से वॉलमार्ट ने लोकल लेवल पर करोड़ों रुपए की घूस दी। बता दें कि 6 साल एकसाथ बिजनेस करने के बाद वॉलमार्ट और भारती इंटरप्राइजेज की भारत में रिटेल चेन चलाने की डील 2013 में टूट गई थी। इसके बाद वॉलमार्ट ने भारत में अकेले कारोबार का फैसला किया था। इससे पहले वॉलमार्ट पर मैक्सिको में अपने ऑपरेशन के दौरान बड़े पैमाने पर करप्शन करने के आरोप लगे हैं।
आगे क्या?
– अमेरिका में : वॉलमार्ट पर इस रिश्तखोरी के आरोप में जुर्माना लगने के आसार कम हैं। इसकी वजह यह है कि वॉलमार्ट ने भारत में अपने कारोबार के दौरान कोई प्रॉफिट नहीं कमाया था। अगर वॉलमार्ट पर कार्रवाई हुई तो वह अमेरिका के फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेस एक्ट के तहत होगी। इसके तहत जुर्माना प्रॉफिट पर लगाया जाता है।
– भारत में : कंपनी पर मुकदमा हो सकता है, लेकिन इसके शिकायत दर्ज और सबूत होना जरूरी है।
– अमेरिका में : वॉलमार्ट पर इस रिश्तखोरी के आरोप में जुर्माना लगने के आसार कम हैं। इसकी वजह यह है कि वॉलमार्ट ने भारत में अपने कारोबार के दौरान कोई प्रॉफिट नहीं कमाया था। अगर वॉलमार्ट पर कार्रवाई हुई तो वह अमेरिका के फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेस एक्ट के तहत होगी। इसके तहत जुर्माना प्रॉफिट पर लगाया जाता है।
– भारत में : कंपनी पर मुकदमा हो सकता है, लेकिन इसके शिकायत दर्ज और सबूत होना जरूरी है।
वॉलमार्ट पर इससे पहले क्या लगे हैं आरोप?
– अमेरिका की मशहूर रिटेल कंपनी वॉलमार्ट भारत के बाजार पर लंबे अरसे से निगाहें जमाए हुए थी। इसके लिए वह चार साल से अमेरिकी सांसदों के बीच लॉबिंग भी कर रही थी। इस दौरान कंपनी ने इस काम में 125 करोड़ रुपए (250 लाख डॉलर) खर्च किए। अमेरिकी सीनेट में रखी गई वॉलमार्ट की रिपोर्ट में यह जानकारी दर्ज है।
– रिपोर्ट के मुताबिक भारत में एफडीआई पर संसद में हुई चर्चा के लिए भी वॉलमार्ट ने लॉबिंग की। इस काम में उसने 10 करोड़ रुपए (16.50 लाख डॉलर) लगाए हैं। इससे पहले वह 2008 से लगातार भारत में प्रवेश के लिए लॉबिंग कर रही थी।
– 2012 में वॉलमार्ट पर आठ रुपए के बेबी कॉर्न 100 रुपए में बेचने का आरोप लगा। वॉलमार्ट ने भारती एंटरप्राइज के साथ साझेदारी में पंजाब के बहुत से किसानों से बेबीकॉर्न लगाने का करार किया। बेबीकॉन वॉलमार्ट को आठ रुपए किलो के भाव पर खरीदना थे। लेकिन खर्च निकाल कर किसानों को मिला सिर्फ तीन रुपया प्रति किलो। जबकि इसे वॉलमार्ट उन्हीं किसानों के शहरों में 100 रुपए किलो पर बेच रही थी।
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