संसद में बुधवार को कश्मीर संकट पर चर्चा, राजनाथ ने माना हालात बेहद गंभीर
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में स्वीकार किया है कि कश्मीर घाटी में हालात बेहद गंभीर हैं. पिछले एक महीने से कश्मीर के कई इलाकों में हालात तनावपूर्ण हैं. राज्यसभा में मंगलवार को कश्मीर हिंसा का मुद्दा उठा.
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर के हालात पर सदन में बहस करने और सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की. इस पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि घाटी में हालात बेहद गंभीर हैं और अगर सदन चाहता है तो सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं.
गृह मंत्री ने कहा कि कश्मीर मसले का हल सभी के सहयोग से ही होगा और इस मुद्दे पर उन्हें सदन में चर्चा कराने पर कोई आपत्ति नहीं है. केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि इस मुद्दे पर बुधवार को 2 बजे सदन में चर्चा होगी.
गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में यह मांग भी उठाई कि सभी दलों के नेताओं को घाटी का दौरा कतरना चाहिए, जिससे हालात पर काबू पाया जा सके.
इस मुद्दे पर राज्यसभा में सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा, “ये विषय बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए इस पर आज ही चर्चा होनी चाहिए.” वहीं कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि जब हिंदुस्तान जल रहा है तो कश्मीर के विषय पर आज चर्चा क्यों नहीं कराई जा रही?
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने कहा कि जब कश्मीर पर चर्चा हो तो प्रधानमंत्री इस पर जवाब दें. उन्होंने साथ ही यह मांग भी की कि प्रधानमंत्री दलित उत्पीड़न पर भी संसद में बयान दें.
जम्मू-कश्मीर में 8 जुलाई को हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी की एनकाउंटर में मौत के बाद घाटी के हालात बिगड़ गए थे. विरोध प्रदर्शन और पथराव के दौरान सुरक्षा बलों की कार्रवाई में अब तक 54 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं.
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