GST: 22 राज्यों ने हटाए चेक पोस्ट, 2300 करोड़ बचेंगे
नई दिल्ली। एक देश, एक टैक्स के नारे के साथ शुक्रवार की आधी रात से लागू किए गए गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स से भारत की अर्थव्यवस्था को सालाना 2,300 करोड़ रुपये की भारी बचत होगी। अब तक राज्यों के चेक पोस्ट्स पर ट्रकों को जगह-जगह रुकना पड़ता था। वित्त मंत्रालय के मुताबिक जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक 22 राज्य चेक पोस्ट्स खत्म कर चुके हैं। माना जा रहा है कि अब जीएसटी के चलते ट्रकों की आवाजाही तेज होगी और रास्ते की बाधाएं हटने से भारी बचत होगी। वर्ल्ड बैंक की 2005 की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘चेकपॉइंट्स पर ट्रकों को होने वाली देरी के चलते सालाना 9 अरब रुपये से लेकर 23 अरब रुपये तक का नुकसान होता है।’ ऑपरेटिंग आवर्स के इस नुकसान को टालकर इस स्थिति से बचा जा सकता है।
जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों ने फील्ड ऑफिसर्स अडवायजरी जारी कर गुड्स के मूवमेंट को न रोकने और नए नियमों के पालन का आदेश दिया है। असम और उत्तर प्रदेश ने अपने अधिकारियों को ई-वे बिल की व्यवस्था लागू होने तक जीएसटी पहचान नंबर, इनवॉइस नंबर, टैक्स इनवॉइस और लॉजिस्टिक्स फर्म के रजिस्ट्रेशन को चेक करने का आदेश दिया है। सरकार जीएसटी लागू होने के 6 महीने के भीतर ही ई-वे बिल लाने की योजना पर काम कर रही है। इससे ट्रकों की आवाजाही बेहद आसान हो जाएगी।
जानें, कैसी होगी ई-वे बिल की व्यवस्था
इसके तहत 50,000 रुपये से अधिक के सामान को राज्य या राज्य से बाहर ले जाने के लिए जीएसटी-नेटवर्क की वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इस प्रस्ताव के तहत जीएसटी-एन के जरिए जो ई-वे बिल जनरेट होगा, वह 1 से 15 दिन तक वैध होगा। यह वैधता सामान ले जाने की दूरी के आधार पर तय होगी। जैसे 100 किलोमीटर तक की दूरी के लिए 1 दिन का ई-बिल बनेगा, जबकि 1,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी के लिए 15 दिन की वैधता वाला ई-बिल तैयार होगा।
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