यौन शोषण केस- आसाराम पर फैसले की घड़ी, सुनवाई के लिए जोधपुर जेल पहुंचे जज
आसाराम के साधकों को उम्मीद है कि आज आसाराम को क्लीन चिट मिल जाएगी. सुबह साढ़े आठ बजे जोधपुर कोर्ट में सुनवाई होने की उम्मीद है. फैसले को लेकर आसाराम के समर्थक कहीं उपद्रव ना शुरू कर दें इसे देखते हुए जोधपुर शहर को किले में तब्दील कर दिया गया है. पुलिस ने पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए हैं.
Live Updates:-– जोधपुर सेंट्रल जेल में बने कोर्ट पहुंचे जज मधुसूदन शर्मा. कुछ देर में फैसले का ऐलान.
– यूपी के वाराणसी और मध्य प्रदेश के भोपाल सहित देश भर में आसाराम की रिहाई के लिए प्रार्थना पर बैठे भक्त.
– फूलों की माला के साथ आसाराम का एक समर्थक जोधपुर सेंट्रल जेल के पास हिरासत में लिया गया.
खाली करवाए आसाराम के आश्रम
जोधपुर जेल में कोर्ट बनाया गया है, जहां फैसला सुनाया जाएगा. वहां के आसपास किसी बाहरी व्यक्ति को फटकने की इजाजत नहीं है. आसाराम के पाल स्थित आश्रम में चंद सेवादारों को छोड़कर पूरी तरह खाली करवा दिया गया. आश्रम के आसपास किराए पर रह रहे समर्थकों को भी सोमवार को ही रवाना कर दिया गया है.
जेल की तरफ जाने वाले रास्ते सील
जेल में कोर्ट लगने और फैसले के मद्देनजर पुलिस ने मंगलवार रात से ही सेंट्रल जेल की तरफ जाने वाले रास्ते सील कर दिए हैं. सरकारी कर्मचारियों को परिचय पत्र की जांच के बाद जाने की इजाजत दी जा रही है. इसके अलावा किसी भी व्यक्ति के पैदल या वाहन से आवाजाही पर पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है.
सुरक्षा के हैं चाक-चौबंद इंतजाम
डीसीपी (ईस्ट) डॉ. अमनदीप सिंह कपूर ने बताया कि बीकानेर, खैरवाड़ा सहित प्रदेश के अन्य हिस्सों से आई आरएसी की 5 कंपनी और उनके साथ ड्यूटी पर रहने वाले स्थानीय अधिकारियों का आपस में कोआर्डिनेशन व क्षेत्र से वाकिफ हो सके, इसके लिए एरिया डोमिनेशन की प्रक्रिया के तहत रूट मार्च निकाला गया है.
जेल में पूरी रात बेचैन रहे आसाराम
बीती रात आसाराम जोधपुर सेंट्रल जेल में आराम से सो नहीं सका. फैसले को लेकर बेचैनी ऐसी थी, कि वो देर रात तक बैरक में टहलता रहा. आश्रम से आया खाना जेल में आसाराम तक पहुंचा भी, लेकिन वो रोजाना की तरह सुकून से खाना नहीं खा पाया. देर रात करीब 12 बजे तक आसाराम बेचैन ही नजर आया.
कड़ी सुरक्षा में जज मधुसूदन शर्मा
राम रहीम के जज जगदीप सिंह की तरह आसाराम के खिलाफ दर्ज केस की सुनवाई और अब फैसला देने वाले एससी-एसटी कोर्ट के न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा को पुलिस की ओर से कड़ी सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है. जज मधुसूदन शर्मा बुधवार सुबह कड़ी सुरक्षा के साथ सेंट्रल जेल में लगने वाली कोर्ट में पहुंचेंगे.
इलाज के लिए आश्रम आई पीड़िता
आसाराम पर इलाज के लिए आश्रम आई एक 16 साल की नाबालिग लड़की से बलात्कार का आरोप है. पीड़ित परिवार के मुताबिक, 5 साल पहले पीड़ित परिवार ने अपने दो बच्चों को आसाराम के छिंदवाडा के गुरुकुल में पढ़ने के लिए भेजा था. 7 अगस्त 2013 को पीड़िता के पिता को छिंदवाडा गुरुकुल से ने बेटी के बीमार होने की खबर दी.
कुटिया में बुलाकर रेप का आरोप
अगले दिन जब पीड़िता के माता पिता छिंदवाडा गुरुकुल पहुंचे. उन्हें बताया गया कि उनकी बेटी पर भूत-प्रेत का साया है. इसे आसाराम ही ठीक कर सकते हैं. 14 अगस्त को पीड़िता का परिवार आसाराम से मिलने उनके जोधपुर आश्रम पहुंचा. 15 अगस्त की शाम को पीड़िता को ठीक करने के बहाने से आसाराम ने उसे अपनी कुटिया में बुलाकर रेप किया.
दिल्ली में दर्ज कराया था केस
इसके बाद पूरा परिवार घर वापस लौटा, तो 17 अगस्त को लड़की ने अपने घरवालों को सारी बात बताई. इसी बीच उन्हें पता चला कि आसाराम 18 से 20 अगस्त तक दिल्ली के रामलीला मैदान में शिविर कर रहे हैं. लिहाजा पूरा परिवार दिल्ली पहुंच गया और उन्होंने रामलीला मैदान के पास कमला मार्केट थाने में केस दर्ज करा दी.
इंदौर आश्रम से हुई थी गिरफ्तार
यहां जीरो एफआईआर दर्ज कराई गई. इसके बाद इस केस को जोधपुर ट्रांसफर कर दिया गया. लेकिन जोधपुर पुलिस आसाराम पर हाथ डालने से डरती रही. पीड़ित परिवार ने हार नहीं मानी. मीडिया में खबर आने के बाद सरकार और पुलिस पर दबाव बढ़ा. इस तरह 16 दिन बाद आसाराम को इंदौर आश्रम से गिरफ्तार कर लिया गया.
आसाराम के खिलाफ धाराएं और सजा
धारा 376 (एफ)
यानी किसी लड़की के साथ उसके शिक्षक, रिश्तेदार, अभिभावक या धर्मगुरु द्वारा बलात्कार करना
सजा- दस साल से लेकर उम्रकैद
धारा 375 (सी)
यानी किसी लड़की के अंगों से शारीरिक तौर पर छेड़छाड़ करना
सजा- दस साल से लेकर उम्रकैद
धारा 509/34
यानी लड़की या महिला का शीलभंग करना
सजा- तीन साल कैद
धारा 506
जान से मारने की धमकी देना
सजा- सात साल तक की कैद
धारा 354ए
यौन उत्पीड़न
सजा- तीन साल तक की कैद
धारा 370ए
यानी बाल तस्करी
सजा- आजीवन कारावास
धारा 120बी
साजिश रचना
सजा- मुख्य गुनाह के बराबर सजा
धारा 109
किसी को गुनाह के लिए उकसाना या मजबूर करना
सजा- मुख्य गुनाह के बराबर सजा
पोक्सो एक्ट की धारा 5 एफ, 6, 7, 8 और 17
किसी शैक्षिक संस्थान में बाल यौन उत्पीड़न
सजा- दस साल से लेकर उम्रकैद तक
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