पेट से जुड़े सभी रोगों की रामवाण औषधि है यह दवा
बेलपत्र के बारे में हम सब जानते है पर इससे जुड़े कुछ तथ्य आज हम आपको बताएँगे |आयुर्वेद के अनुसार पका हुआ बेल मधुर, रुचिकर, पाचक तथा शीतल फल है.
बेलफल बेहद पौष्टिक व कई बीमारियों की रामवाण औषधि है. इसका गूदा खुशबूदार व पौष्टिक होता है. इसके गुदे का रोज़ाना सेवन करने से आपके पेट के कई रोगो का जड़ से खात्मा किया जा सकता है |
क्या आप जानते है की बेल के फल से आप पेट की कितनी ही बीमारियों का इलाज़ कर सकते है |आइये हम बेल के फल से जुड़े कुछ रोचक इलाज़ आपको बताएँगे जिनका उपयोग कर आप आराम से अपनी व आपके प्रियजनों की स्वास्थ्य का ध्यान रख सकते है |
लू : तपते बॉडी की गर्मी दूर करने में यह बेहद फायदेमंद है. गर्मी के दिनों में लू लगने का भय सबसे ज्यादा होता है. बेल का शर्बत बनाकर पीने से लू का खतरा नहीं होता व लू लग जाने पर यह दवा के रूप में काम करता है.
डायरिया : बॉडी में गर्मी अधिक बढ़ जाने पर दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इससे छुटकारा पाने के लिए रोजाना आधे कच्चे-पक्के बेलफल का सेवन करें या फिर बेल के शर्बत का सेवन करने से यह डायरिया रोग में भी बहुत ज्यादा लाभप्रद है |
आंत संबंधी रोग : बेल के मुरब्बे का नियमित रूप से सेवन करने से आंत सम्बंधित रोगो में आराम मिलता है साथ ही पेट के कीड़ो का भी नाश होता है जिससे आपके उदर को आराम मिलता है |
रक्त अल्पता (खून की कमी) : रक्त अल्पता में पके हुए सूखे बेल की गिरी का चूर्ण बनाकर गर्म दूध में मिश्री के साथ एक चम्मच पावडर रोजाना देने से बॉडी में नए रक्त का निर्माण होकर सेहत फायदा होता है.
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