RSS के मंच पर बोले प्रणब मुखर्जी- मैं यहां देश और देशभक्ति समझाने आया हूं
नागपुर। आज पूरे देश की नज़र नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय पर है. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह को संबोधित करने के लिए पहुंच चुके हैं. वो थोड़ी देर में कार्यक्रम को संबोधित करने वाले हैं. फिलहाल पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं.
इस कार्यक्रम में करीब 707 स्वयंसेवक वहां पर मौजूद हैं. पूर्व राष्ट्रपति यहां करीब 20 मिनट तक अपना संबोधन देंगे. प्रणब दा के भाषण की घड़ी करीब आते ही कांग्रेस की धड़कनें भी तेज हो गई हैं. इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद हैं.
इससे पहले बुधवार को जब प्रणब मुखर्जी नागपुर पहुंचे, तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह भैयाजी ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया. उनके साथ नागपुर महानगर संघचालक राजेशजी लोया और विदर्भ प्रांत के सह कार्यवाह अतुल मोघे भी उपस्थित थे.
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08:15 PM-उन्होंने कहा कि सबने इस बात को माना है कि हिंदू एक उदार धर्म है. ह्वेनसांग और फाह्यान ने भी हिंदू धर्म की बात की है. राष्ट्रवाद किसी भी देश की पहचना है. देशभक्ति का मतलब देश की प्रगति में आस्था है. भारत के दरवाजे सबके लिए खुले हैं.
08:12 PM- RSS के मंच पर बोले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी- मैं यहां देश और देशभक्ति समझाने आया हूं. मैं यहां देश की बात करने आया हूं.
08:08 PM- RSS प्रमुख मोहन भागवत कहा- यहां पर किसी के आने पर रोक नहीं है. यहां आइए और संघ को परखिए. वैसे हम तो संघ को जानते हैं और आप भी जानिए और अपना विचार बनाइए.
08:05 PM-RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले- संघ सिर्फ हिंदुओं का संगठन नहीं है. हम सभी विचारों के लोगों को साथ लेकर चलना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए सभी लक्ष्य एक होना चाहिए. उन्होंने कहा कि शक्ति के साथ शील होना बेहद जरूरी है और संघ यही काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि प्रहारों के बावजूद संघ तरक्की करता रहा.
07:59 PM-मोहन भागवत ने कहा कि अनियंत्रित करने वाली शक्ति विनाशकारी होती है. हमें सामान्य जनता को बराबरी पर लाना है. हिंदू भारत का भाग्य तय करने के लिए उत्तरदायी है. आज संघ विशाल संगठन बन गया है. हालांकि हमको खुद को प्रसिद्ध करने वाला नहीं बनना है.
07:52 PM- आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हमारे पास सुविचार की कमी नहीं है, लेकिन व्यवहार के बारे में हम निकृष्ठ थे और हैं. हालांकि अब थोड़ा बदला है.
07:51 PM- उन्होंने कहा कि हर भारतवासी के पूर्वज एक हैं. संगठित समाज से ही देश बदला जा सकता है. इसके लिए माहौल बनाना पड़ता है. संघ एक लोकतांत्रिक संगठन है. सरकारें बहुत कुछ कर सकती हैं, लेकिन सब कुछ नहीं कर सकती हैं.
07:50 PM- भागवत ने कहा कि हिंदुस्तान में कोई दुश्मन नहीं है. सबकी माता भारत माता ही है. उन्होंने कहा कि समाज किसी एक व्यक्ति के बनाने से नहीं बनता है. सबके मत अलग-अलग होते हैं. उन्होंने कहा कि श्रुति और स्मृति सभी में अंतर है.
07:45 PM- आरएसएस प्रमुख ने कहा कि डॉक्टर हेडगेवार को अपने लिए कुछ करने की जरूरत नहीं थे. वो कांग्रेस के कार्यकर्ता भी रहे और जेल भी गए. वो समाज सुधारकों के साथ भी रहे.
07:43 PM- भागवत ने कहा कि इस राष्ट्र को अनेक महापुरुषों ने खड़ा किया. इसके लिए पसीना बहाया. उन्होंने कहा कि मत अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन इसके बावजूद हम सभी भारत माता की संतान हैं. विविधता को स्वीकार करना अच्छी बात है.
07:38 PM- भागवत ने कहा- हम सब भारतीय हैं और सभी को इसकी सेवा करना चाहिए. सभी अपनी क्षमता के अनुसार करते भी हैं. एकता में विविधता ही भारत की पहचान है.
07:37 PM- प्रणब के पहुंचने पर मोहन भागवत ने कहा कि हम हर साल सज्जनों को आमंत्रित करते हैं, जिनको आना होता है, वो हमारा आमंत्रण स्वीकार करते हैं और आते हैं.
07:20 PM- RSS प्रमुख मोहन भागवत ने पुष्प गुच्छ देकर प्रणब मुखर्जी को सम्मानित किया.
07:15 PM- आरएसएस के कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अलावा सुनील शास्त्री, संजयय लालभाई, चाल्ला राजेंद्र प्रसाद, राजीव मल्होत्रा, विशद मफतलाल, कल्याण चौबे, अर्धेंदु बोस समेत अन्य दिग्गज मौजूद हैं.
Smt & Sri Sunil Ji Shastri, and Smt. & Shri Ardhendu Bose , special invitees for #RSSTritiyaVarsh pic.twitter.com/GfmE1A9H3J
07:12 PM- संघ ने परिचय देते हुए कहा- प्रणब मुखर्जी भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभालने के साथ ही राष्ट्रपति रहे हैं.
07:09 PM- मंच से संघ के कार्यक्रम में पहुंचे दिग्गज लोगों का परिचय कराया जा रहा है.
07:00 PM- मंच पर RSS प्रमुख मोहन भागवत के साथ चर्चा करते नजर आए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
06:30 PM- पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मौजूदगी में RSS की परेड निकली. अब कार्यक्रम को संबोधित करेंगे प्रणब मुखर्जी.
06:30 PM- RSS के मंच पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पहुंच चुके हैं. इस दौरान प्रणब मुखर्जी ने साफ संकेत दिया कि वो मेहमान हैं, लेकिन स्वयंसेवक नहीं.
06:16 PM-
06:14 PM-
नागपुर में संघ के तृतीय वर्ष वर्ग में व्यवस्थित प्रशिक्षण हेतु 96 शिक्षक, 39 प्रांत प्रमुख एवं 120 प्रबंधक दिनरात कार्यरत रहे . #RSSTritiyaVarsh
आरएसएस का तृतीय वर्ष 14 मई 2018 को नागपुर में आरंभ हुआ और उसमें 707 शिक्षार्थियों ने अपना प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा किया. #RSSTritiyavarsh
— RSS (@RSSorg) June 7, 2018
05:46 PM- संघ की शुरुआत साल 1925 में विजय दशमी के दिन डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार के घर से हुई थी.
05:20 PM- पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी विजिटर बुक में लिखा- मां भारती के महान सपूत थे केशव बलिराम हेडगेवार.
05:05 PM- पूर्व राष्ट्रपति प्रणब ने हेडगेवार को श्रद्धांजलि दी.
05:03 PM- RSS प्रमुख मोहन भागवत ने प्रणब मुखर्जी का स्वागत किया.
05:00 PM- प्रणब मुखर्जी हेडगेवार के जन्म स्थान पहुंचे.
04:30 PM- CPI नेता दिनेश वार्ष्णेय ने कहा कि संघ के कार्यक्रम में किसी के जाने या न जाने से कोई संगठन सांप्रदायिक या गैर सांप्रदायिक नहीं हो जाता है. उन्होंने कहा कि आरएसएस मनुवादी संस्कृति को आगे बढ़ाती है.
04:30 PM- बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि संघ द्वारा प्रणब मुखर्जी को बुलाए जाने पर कांग्रेस असहिष्णु दिखाई दे रही है. मुझे इसका इंतजार है कि कांग्रेस कब लालकृष्ण आडवानी को अपने कार्यक्रम में बुलाएगी.
04:25 PM- एसपी के प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने कहा कि महात्मा गांधी, राम मनोहर लोहिया और भीमराव अंबेडकर कभी संघ में नहीं रहे, जबकि संघ ऐसे प्रचार करता है कि मानो महात्मा गांधी और प्रणब उसमें शामिल थे.
04:20 PM- थोड़ी देर में हेडगेवार के जन्म स्थान जाएंगे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
इन मुद्दों के इर्दगिर्द होगा प्रणब मुखर्जी का भाषण
ये समझना ज्यादा मुश्किल नहीं कि प्रणब मुखर्जी यहां संघ को कुरदने नहीं आ रहे. अपने ही घर में किरकिरी न हो जाए, इसलिए संघ ने दादा से बात भी जरूर की होगी. माना जा रहा है कि प्रणब मुखर्जी का भाषण इन मुद्दों के इर्दगिर्द ही रहेगा.
– प्रणब मुखर्जी संघ की संगठन क्षमता की तारीफ करेंगे
– राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशभक्ति के इर्द-गिर्द उनका भाषण रहेगा
– प्रणब मुखर्जी संविधान के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर राय रख सकते हैं
– इशारों-इशारों में आज के राजनीतिक माहौल पर भी बात रखेंगे
– कहा जा रहा है कि प्रणब मुखर्जी का भाषण संतुलित होगा
नागपुर में आज प्रणब मुखर्जी का पूरा कार्यक्रम…
# शाम 5.30 बजे – नागपुर के रेशमिबाग संघ मुख्यालय में आगमन
# मोहन भागवत करेंगे प्रणब मुखर्जी का स्वागत
# 15 मिनट तक मोहन भागवत, भैयाजी जोशी के साथ चाय पर चर्चा
# संघ के प्रमुख पदाधिकारियों संग प्रणब मुखर्जी का परिचय
# संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के स्मृति स्थल पर पुष्प अर्जित
# शाम 6.15 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे
# स्वयंसेवकों को प्रातेकशीत
# महानगर संघ चालक का प्रस्तावित भाषण
# शाम 6.35 बजे प्रणब मुखर्जी का भाषण, करीब 20 मिनट का होगा भाषण
# आखिर में मोहन भागवत का भाषण
गौरतलब है कि पूरे देश की इस बात पर नज़र है कि आखिर प्रणब मुखर्जी नागपुर में क्या बोलेंगे, अभी तक जिस तरह कांग्रेस संघ की विचारधारा और नीति का हमेशा विरोध करता रहा है ऐसे में उसका ही एक बड़ा नेता संघ के कार्यक्रम का मुख्य अतिथि बन रहा है. कांग्रेस भी करीबी से प्रणब दा के भाषण पर नज़र बनाएगी.
जब से प्रणब मुखर्जी ने RSS का निमंत्रण स्वीकार किया है, तभी से इसपर बवाल मचा हुआ है. पूर्व राष्ट्रपति की बेटी समेत कई कांग्रेस दिग्गजों ने ही इस एक्शन का विरोध किया, तो वहीं संघ और बीजेपी ने लगातार इसका बचाव किया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में संघ प्रमुख मोहन भागवत मुख्य वक्ता होंगे.
बेटी की पिता को नसीहत
पिता प्रणब मुखर्जी के आरएसएस कार्यक्रम में शामिल होने से उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी नाखुश हैं. उन्होंने प्रणब मुखर्जी को नसीहत दी है. शर्मिष्ठा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि उम्मीद है आज कि घटना के बाद प्रणब मुखर्जी इस बात को मानेंगे कि बीजेपी किस हद तक गंदा खेल सकती है.
उन्होंने लिखा कि यहां तक कि आरएसएस भी इस बात पर विश्वास नहीं करेगा कि आप अपने भाषण में उनके विचारों का समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा कि भाषण तो भुला दिया जाएगा, लेकिन तस्वीरें बनी रहेंगी और उनको नकली बयानों के साथ प्रसारित किया जाएगा.
इस इवेंट का क्या मकसद?
गौरतलब है कि गर्मियों के दौरान आरएसएस पूरे देश में अपने स्वयंसेवकों के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित करता है. तृतीय वर्ष का अंतिम प्रशिक्षण शिविर संघ के मुख्यालय नागपुर में आयोजित किया जाता है. अक्सर तृतीय वर्ष प्रशिक्षण हासिल करने के बाद ही किसी स्वयंसेवक को आरएसएस का प्रचारक बनने के योग्य माना जाता है.
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