BJP की सत्ता की भूख ने जम्मू-कश्मीर को आतंक की आग में झोंक दिया: कांग्रेस

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती सरकार से भाजपा के अलग होने के बाद कांग्रेस ने उस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि ‘भाजपा की सत्ता भूख ने राज्य को आतंक की आग में झोंक दिया और अब नया खेल खेलने के लिए उसने नया मुखौटा लगा लिया है. ’ पार्टी ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ हाथ मिलाने का कोई सवाल ही नहीं उठता. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘भाजपा की सत्ता की भूख ने जम्मू कश्मीर को आतंक की आग में झोंक दिया.

चार वर्षों में 373 जवान शहीद, 239 नागरिक मारे गए
चार वर्षों में 373 जवान शहीद, 239 नागरिक मारे गए.  देश को क्या हासिल हुआ?’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसे कहते हैं- सब कुछ लुटा के होश में आये तो क्या किया. खुद ही लगा के आग तमाशाई बन गए. आज फिर उसने नया खेल खेलने के लिए नया मुखौटा लगा लिया. ’’ इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पीडीपी के साथ हाथ मिलाने का सवाल ही नहीं उठता. आजाद ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा ने पीडीपी के साथ गठबंधन सरकार बनाकर ‘बहुत बड़ी गलती’ की थी.

उन्होंने कहा कि भाजपा एक राष्ट्रीय पार्टी है और उसे पीडीपी के साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए था. आजाद ने कहा, ‘‘क्षेत्रीय पार्टियों को आपस में गठबंधन के लिए छोड़ दिया जाना चाहिए था. ’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस गठबंधन ने राज्य को आर्थिक और सामाजिक रूप से तबाह कर दिया और जम्मू-कश्मीर को ‘बदहाली’ की स्थिति में छोड़ दिया. गौरतलब है कि भाजपा आज पीडीपी से अलग हो गई और उसने गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया.

गठबंधन टूटा तो क्या हुआ, PDP और BJP दोनों के पास हैं J&K में सरकार बनाने के विकल्प
जम्मू कश्मीर में बीजेपी ने महबूबा मुफ्ती की सरकार गिरा दी है. बीजेपी के महासचिव राम माधव ने बीजेपी+पीडीपी गठबंधन टूटने की घोषणा की. इसके साथ ही महबूबा मुफ्ती सरकार अल्पमत में आ गई. ऐसे में जेहन में सवाल उठ रहे हैं कि क्या जम्मू कश्मीर कोई सरकार बनेगी या फिर से विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे? इस सवाल का जवाब यह है कि बीजेपी+पीडीपी गठबंधन टूटने के बाद भी जम्मू कश्मीर में सरकार बनने के विकल्प खुले हैं. आइए समझते हैं जम्मू कश्मीर में कैसे और कौन बना सकते हैं सरकार. जम्मू कश्मीर में विधानसभा की 87 सीटें हैं. यहां सरकार बनाने के लिए करीब 44 विधायकों का समर्थन चाहिए. बहुमत का आंकड़ा पाने के लिए कई विकल्प बनते दिख रहे हैं.

विकल्प-1
बीजेपी: 25 विधायक
नेशनल कांफ्रेस (फारुख अब्दुल्ला की पार्टी): 15 विधायक
जम्मू कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस: 2 विधायक
पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट: 1 विधायक
निर्दलीय: 3 विधायक
इस तरह बीजेपी की अगुवाई में गठबंधन सरकार बन सकती है. क्योंकि इस फॉर्मूले में 46 विधायक एक पक्ष में दिख रहे हैं. अगर इस तरह का गठबंधन बनता है तो इसमें बीजेपी अपना मुख्यमंत्री बना सकती है, क्योंकि इसमें बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है.

विकल्प-2
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी: 28 विधायक
कांग्रेस: 12
जम्मू कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस: 2 विधायक
पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट: 1 विधायक
निर्दलीय: 3 विधायक
अगर ऐसा कोई गठबंधन बनता है तो महबूबा मुफ्ती अपनी सरकार बचा सकती हैं. इस गठबंधन में भी 46 विधायक के एक पाले में हो सकते हैं.

विकल्प-3
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी: 28 विधायक
नेशनल कांफ्रेस (फारुख अब्दुल्ला की पार्टी): 15 विधायक
कांग्रेस: 12
कुल विधायक: 55 इस तरह महबूबा मुफ्ती गठबंधन सरकार चला सकती हैं. हालांकि यह विकल्प काफी मुश्किल दिख रहा है. क्योंकि पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस का एक साथ आना मुश्किल दिख रहा है.

 

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