CBI के हत्थे चढ़ी ब्रजेश ठाकुर की ‘राजदार’ मधु, नेपाल से हुई गिरफ्तारी : सूत्र

पटना। मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की करीबी मधु के नेपाल के वीरगंज से गिरफ्तार होने की चर्चा है. वह वहां के एक होटल में पहचान छिपाकर रह रही थी. गिरफ्तारी के बाद उसे किसी गुप्त स्थान पर रखकर पूछताछ की जा रही है. हालांकि, सीबीआई ने इसकी पुष्टि नहीं की है. खुफिया विभाग के सूत्रों की मानें तो मधु को एक होटल से गिरफ्तार किया गया है.

बालिका गृह यौन हिंसा, स्वाधार सेल्टर होम सहित इससे जुड़े कई मामलों में मधु की तलाश थी. उसके पास आरोपित ब्रजेश से लेकर उसके फंड आवंटन, स्वाधार सेल्टर होम से गायब हुई 11 महिलाएं एवं चार बच्चों की भी पूरी जानकारी होने की बात कही जा रही है.

उसे गिरफ्तार करने के लिए सीबीआइ मुजफ्फरपुर रेडलाइट के अलावा मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर सहित अन्य कई जगहों पर छापेमारी कर चुकी है. इस बीच उसके नेपाल के एक होटल में छिप कर रहने की बात सामने आई.

पूछताछ में खुलेंगे कई राज 
मधु की गिरफ्तारी से आरोपित ब्रजेश ठाकुर व पूरे प्रकरण से जुड़े कई राज पर से पर्दा हटने की उम्मीद जताई जा रही है. ब्रजेश के आर्थिक, संस्था से जुड़े सभी लोगों के मासिक भुगतान, प्रोजेक्ट की निगरानी, साहबों तक राशि पहुंचाने सहित सबकुछ मधु जानती है. मधु के पास ब्रजेश की नकद राशि भी है.

17 साल पहले आई थी ब्रजेश ठाकुर के संपर्क में
मधु ब्रजेश ठाकुर के संपर्क में 17 साल पहले उस समय आई थी, जब मुजफ्फरपुर के चतुर्भुजस्थान में ऑपरेशन उजाला चला था. इस ऑपरेशन को चलानेवाली प्रशिक्षु आइपीएस अधिकारी दीपिका सूरी थीं, जिनका नाम मुजफ्फरपुर के लोग अब भी लेते हैं. उन्होंने चतुर्भुजस्थान में सुधार का बड़ा काम किया था. उसी समय मोहल्ला सुधार समिति बनी थी, इसमें ब्रजेश ठाकुर और मधु भी शामिल थे. इसके बाद से ही दोनों एक-दूसरे को जानने लगे.

चतुर्भुजस्थान में चलता था ब्रजेश ठाकुर का सेवा संकल्प 
जो बात सामने आ रही है उसके मुताबिक, चतुर्भुजस्थान में ब्रजेश ठाकुर की सेवा संकल्प और विकास समिति भी सक्रिय हुई थी. वामा शक्ति वाहिनी नाम का संगठन बना, जिसकी कमान मधु के हाथ में थी. संगठन का काम चतुर्भुजस्थान में सुधार के काम को चलाना था. इसमें बिकने वाली लड़कियों को मुक्त कराना और एचआईवी एड्स को लेकर जागरूकता जैसे कार्यक्रम शामिल थे.

वामा शक्ति वाहिनी की ओर से कई तरह के सामाजिक कार्यक्रम समाज को दिखाने के लिए चलाए जाते थे, लेकिन इसके पर्दे के पीछे कुछ और ही होता था. इसमें कई तरह के आरोप लग रहे हैं. लेकिन जब तक मधु सामने नहीं आती है, तब तक इनकी पुष्टि नहीं हो पाएगी. अब जांच एजेंसियों को मधु की जोर-शोर से तलाश है. कुछ दिन पहले मुजफ्फरपुर के नगर डीएसपी ने बालिका गृह कांड का सुपरविजन किया था, तब भी उन्होंने जांच अधिकारी ज्योति कुमारी को मधु के बारे में पता लगाने और उससे पूछताछ करने का निर्देश दिया था.

 

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