बरसात के मौसम में लोगों में बढ़ जाता हैं इन पांच बिमारियों का खतरा, जरुर देखें

कोरोना के प्रकोप के बीच अब मासूमों पर नया खतरा मंडरा रहा है। देश में पीडियाट्रिक मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम (एमआईएस) ने दस्तक दे दी है। कोविड-19 की चपेट में आने वाले बच्चों में इसका खतरा ज्यादा दिख रहा है। इसके चलते ऐसे बच्चों की देखभाल बेहद सावधानी से करने की जरूरत है।

दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, मुंबई सहित कई महानगरों में केस मिलने के बाद से राजधानी के बाल रोग विशेषज्ञ भी सतर्क हैं। भारतीय बाल रोग एकेडमी ने इसे लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। इस बीमारी के लक्षण भी कुछ हद तक कोरोना से मिलते-जुलते हैं।

1. डेंगू – बरसात के मौसम में मच्छरों के कारण होने वाली बीमारी की बात की जाए, तो पिछले कुछ वर्षों में डेंगू का सबसे ज्यादा प्रकोप रहा है. यह बीमारी एडीज एजिप्टी मच्छरों के काटने से फैलती है. सिरदर्द, थकान, जोड़ों में दर्द, प्लेटलेट्स कम होना आदि हो सकते हैं.
2. येलो फीवर – एडीज एजिप्टी मच्छर ही येलो फीवर का कारण भी बनता है. इस बुखार में मरीज के अंदर पीलिया के लक्षण भी दिखने लगते हैं. हालांकि, इस बुखार के मामले भारत में दिखने दुर्लभ हैं. इसमें बुखार, मतली, उल्टी, सिरदर्द जैसी समस्या होने लगती है.
3. मलेरिया – डेंगू से पहले लोगों के मन में मलेरिया का काफी डर था. बारिश के कारण मलेरिया के भारी तादाद में मामले देखे जाते थे. यह बीमारी संक्रमित फीमेल एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलती है. इसमें भी बुखार, सिरदर्द, उल्टी जैसे लक्षण दिखते हैं.
4. चिकनगुनिया- डेंगू के बाद भारत में चिकनगुनिया के मामलों में भी बढ़ोतरी देखी गई है. चिकनगुनिया भी डेंगू और येलो फीवर वाले इस बीमारी में बुखार, जोड़ों में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते आदि लक्षण दिखते हैं.
5. लाइम डिजीज- यह बीमारी मुख्यतः Borrelia burgdorferi बैक्टीरिया के कारण होती है. जो कि संक्रमित काली टांगों वाले कीड़ों के काटने से फैलती है. इस बीमारी के मामले भी भारत में कम ही देखने को मिलते हैं.

 

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