LIVE: पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में कवि नीरज को दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिये देश के लोगों को संबोधित कर रहे हैं. रेडियो पर प्रसारित होने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कार्यक्रम का यह 46वां संस्करण है. बता दें कि पीएम मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को मन की बात कार्यक्रम के जरिये देश की जनता को संबोधित करते हैं. इस कार्यक्रम को लेकर सुझाव भी मांगे गए थे. पीएम मोदी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के लिए इंसान खुद जिम्मेदार है. प्रधानमंत्री ने देश के प्रिय कवि नीरज जी के देहांत पर उन्हें दरपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि आशा, भरोसा, दृढसंकल्प, स्वयं पर विश्वास, नीरज जी की विशेषता रही थी.
मन की बात के प्रमुख अंश :
1. पिछले दिनों वैसे ही एक प्राकृतिक आपदा की घटना ने पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित किया, मानव-मन को झकझोर दिया. थाईलैंड में 12 किशोर फुटबॉल खिलाड़ियों की टीम और उनके कोच घूमने के लिए गुफा में गए थे.
2. अचानक भारी बारिश के कारण गुफ़ा के द्वार के पास काफी पानी जम गया. उनके बाहर निकलने का रास्ता बंद हो गया. कोई रास्ता न मिलने के कारण वे गुफ़ा के अन्दर के एक छोटे से टीले पर 18दिन तक रुके रहे. आप कल्पना कर सकते हैं किशोर अवस्था में सामने जब मौत दिखती हो और पल-पल गुजारनी पड़ती हो तो वो पल कैसे होंगे. एक तरफ वो संकट से जूझ रहे थे, तो दूसरी तरफ पूरे विश्व में मानवता एकजुट होकर के ईश्वरदत्त मानवीय गुणों को प्रकट कर रही थी.
3. दुनिया भर में लोग इन बच्चों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए प्रार्थनाएं कर रहे थे. यह पता लगाने का हर-संभव प्रयास किया गया कि बच्चे कहां और किस हालत में हैं. उन्हें कैसे बाहर निकाला जा सकता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जब अच्छी खबर आई तो दुनिया भर को शान्ति हुई, संतोष हुआ, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में हर स्तर पर जिम्मेवारी का जो अहसास हुआ वो अद्भुत था.
4. सभी ने, चाहे सरकार हो, इन बच्चों के माता-पिता हों, उनके परिवारजन हों, media हो, देश के नागरिक हों – हर किसी ने शान्ति और धैर्य का अदभुत आचरण करके दिखाया. सबके-सब लोग एक team बनकर अपने mission में जुटे हुए थे. हर किसी का संयमित व्यवहार एक सीखने और समझने जैसा विषय है. ऐसा नहीं कि बच्चों के मां-बाप दुखी नहीं हुए होंगे, ऐसा नहीं कि माँ के आँख से आंसू नहीं निकलते होंगे, लेकिन धैर्य, संयम, पूरे समाज का शान्तचित्त व्यवहार- ये अपने आप में हम सबके लिए सीखने जैसा है. इस पूरे operation में थाईलैंड की नौसेना के एक जवान को अपनी जान भी गँवानी पड़ी.
6. पूरा विश्व इस बात पर आश्चर्यचकित है कि इतनी कठिन परिस्थितियों के बावज़ूद पानी से भरी एक अंधेरी गुफ़ा में इतनी बहादुरी और धैर्य के साथ उन्होंने अपनी उम्मीद नहीं छोड़ी. थाईलैंड का घटनाक्रम यह दिखाता है कि जब मानवता एक साथ आती है, तबअदभुत चीज़ें होती हैं. बस ज़रूरत इस बात की होती है कि हम शांत और स्थिर मन से अपने लक्ष्य पर ध्यान दें, उसके लिए काम करते रहें.
7. जुलाई के महीने में लाखों युवा स्कूल से निकल करके colleges में जाते हैं . अगर फरवरी और मार्च exams, papers, answers में जाता है तो अप्रैल और मई छुट्टियों में मौज़मस्ती करने के साथ-साथ results, जीवन में आगे की दिशाएँ तय करने, carrier choice इसी में खप जाता है.
8. पुराने दोस्त, बचपन के दोस्त मूल्यवान होते हैं, लेकिन नये दोस्त चुनना, बनाना और बनाए रखना, यह अपने आप में एक बहुत बड़ी समझदारी का काम होता है . कुछ नया सीखें, जैसे नयी-नयी skills, नयी-नयी भाषाएं सीखें.
9. मध्यप्रदेश के एक अत्यंत ग़रीब परिवार से जुड़े एक छात्र आशाराम चौधरी ने जीवन की मुश्किल चुनौतियों को पार करते हुए सफ़लता हासिल की है . उन्होंने जोधपुर AIIMS की MBBS की परीक्षा में अपने पहले ही प्रयास में सफ़लता पायी है. मैं उनकी इस सफ़लता के लिए उन्हें बधाई देता हूं. अनेक छात्रों ने, जो गरीब परिवार से हैं, विपरीत परिस्थियों के बावज़ूद अपनी मेहनत और लगन से कुछ ऐसा कर दिखाया है, जो हमें प्रेरणा देता है.चाहे वो दिल्ली के प्रिंस कुमार हों, जिनके पिता DTC में बस चालक हैं या फिर कोलकाता के अभय गुप्ता जिन्होंने street lights के नीचे पढ़ाई की.
10. देश के किसी भी कोने में होने वाली कोई भी अच्छी घटना मेरे मन को ऊर्जा देती है, प्रेरणा देती है और जब इन नौजवानों की कथा आपको कह रहा हूं तो इसके साथ मुझे कवि नीरज जी की बात याद आती है. पिछले दिनों मैंने एक न्यूज़ पढ़ी – ‘दो युवाओं ने किया मोदी का सपना साकार’. पढ़ा तो जाना कि आज हमारे युवा Technology का smart और creative use करके सामान्य व्यक्ति के जीवन में बदलाव का प्रयास कर रहे हैं.
11. एक बार अमेरिका के San Jose शहर में , जिसे Technology Hub के रूप में जाना जाता है, मैं भारतीय युवाओं के साथ चर्चा कर रहा था कि वो भारत के लिए अपने talent को कैसे use कर सकते हैं, ये सोचें और समय निकाल कर के कुछ करें.
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