NSA का सबसे ‘चमत्कारिक सदुपयोग’ सहारनपुर में !

उर्मिलेश

भारत दुनिया के उन चंद मुल्कों में शुमार है, जहां सबसे ज्यादा कानून हैं पर कानून का पालन सबसे कम होता है। यहां कानून का सबसे ज्यादा उल्लंघन स्वयं सरकारें, शासकीय इकाइयां, अफसर, नेता, कारपोरेट और संपन्न लोग करते हैं। अब देखिए, सहारनपुर के एक दलित कार्यकर्ता और युवा एडवोकेट हैं, चंद्रशेखर। उन्हें जमानत मिली पर अभी भी जेल में हैं। NSA लगा रखा है। ऐसा क्या किया, जो एक ‘खास परिवार’ के दंगाई पूरे देश में कर रहे हैं? पर दंगाइयों पर कोई कानून काम नहीं करता। दंगा कराने के बाद मंत्री का बेटा मंदिर में पुलिस बुलाकर हिरासत में जाता है, वह भी कई दिनों बाद।

बैंकों में जमा जनता के धन की ‘कुछ दोस्त कारपोरेट’ लूट मचाएं हुए हैं। एक बड़े धन्नासेठ का बेटा अपनी विदेशी गाड़ी से गरीब को कुचल देता है। खबर तक नहीं छपती। Chandraसजा देने के लिए क़ानून किसी और को पा जाता है। व्यापम की व्यापकता और छत्तीसगढ़ में सोनी सोरी सहित असंख्य आदिवासियों पर अमानुषिक अत्याचार पर कानून का दुरुपयोग कहां, सदुपयोग होता है! क्या कानून है!

रोहित वेमुला को अमानुषिक यातना दी जाती है। कभी फेलोशिप रोकी जाती है, कभी होस्टल निकाला। न काम करने दिया जाता है, न जीने दिया जाता है। shaharnpurआबादी और अपराध के औसत के हिसाब से देश में बलात्कार की शिकार सबसे ज्यादा दलित-आदिवासी महिलाएं बनाई जाती हैं।

कानून काम कर रहा है! उसका सदुपयोग हो रहा है! अफस्पा का पूर्वोत्तर और कश्मीर में क्या ‘शानदार सदुपयोग’ हो रहा है! NSA का सबसे ‘चमत्कारिक सदुपयोग’ सहारनपुर में! दुरुपयोग हो रहा है सिर्फ एससी-एसटी(Sc/St) उत्पीड़न रोकने के कानून का! घोड़ा पर चढ़ने के ‘अपराध’ में हत्या, बारात निकालने पर पूरे घर को खत्म करने की धमकी! कानून काम कर रहा है। क्या कानून का राज है, ज़िले का कलक्टर कह जाता है: परंपरा मत तोड़ो! कानून काम कर रहा है!
इसलिए आज जरुरी है कि लोग खड़े हों और नारा लगाएं SC/St पर ज़ुल्मोसितम के खिलाफ व्यापक जनता का प्रतिरोध जिंदाबाद!

(वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश के फेसबुक वॉल से)
 

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