अच्छा, तो यूपी विधानसभा चुनाव से पहले यहां इसलिए जा रहे हैं अमर सिंह
लखनऊ। समाजवादी पार्टी में चल रहे घमासान में अब तक ना तो सुलह हो पाई है और ना ही चुनाव आयोग का कोई फैसला आया है। ऐसे में पार्टी के नेताओं को समझ में नहीं आ रहा है कि वो करें तो करें क्या। चुनाव सिर पर हैं। तैयारी किस सिंबल पर करें और कौन किस गुट के साथ खड़ा होगा इस तरह के ढेरों सवाल नेताओं के मन में उठ रहे हैं। लेकिन, जवाब किसी के पास नहीं है। इस बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव के बीच झगड़े के एक बड़े सूत्रधार माने जा रहे अमर सिंह को लेकर भी एक और खबर सामने आ गई है। अमर सिंह मुलायम सिंह यादव को इस झगड़े की बीच मझधार में ही छोड़कर लंदन जाने को तैयार बैठे हैं।
न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में अमर सिंह ने बताया कि वो अपना इलाज पूरा कराने के लिए लंदन जा रहे हैं। उनका कहना है कि मैं मार्च के अंत तक ही लंदन से वापस लौट कर आ पाऊंगा। मतलब साफ है कि अमर सिंह इस बात के लिए तैयार बैठे हैं कि अगर समाजवादी पार्टी का विभाजन होता है तो वो किसी भी तरह से चुनावों हिस्सा नहीं लेंगे। यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उन पर हमेशा से ये आरोप लगाते रहे हैं कि उनकी वजह से ही पार्टी और परिवार टूट रहा है। जबकि मुलायम सिंह यादव का कहना है कि पार्टी और परिवार को अमर सिंह नहीं बल्कि रामगोपाल यादव तोड़ रहे हैं। ना तो मुलायम सिंह यादव अमर सिंह को छोड़ने को तैयार हैं और ना ही अखिलेश यादव रामगोपाल को।
न्यूज एजेंसी से बात करते हुए अमर सिंह ने कहा कि दरअसल, लंदन में मेरा इलाज चल रहा था। लेकिन, पार्टी में जिस तरह का घटनाक्रम रहा उसके चलते मुझे वापस बुला लिया गया था। उनका कहना है कि अब मैं फिर से अपना इलाज पूरा कराने जा रहा हूं। समाजवादी पार्टी के सूत्रों का कहना है कि अगर पार्टी टूटती है और मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला लेते हैं तो अमर सिंह और जया प्रदा दोनों ही चुनाव में किसी भी तरह से हिस्सा नहीं लेंगे। दोनों ही किसी के प्रचार में भी नजर नहीं आएंगे। मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच पार्टी के नाम और सिंबल पर चल रही जंग पर चुनाव आयोग 17 जनवरी को अपना फैसला सुनाएगा।
जहां एक ओर अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव प्रत्यक्ष तौर अमर सिंह पर पार्टी में कलह कराने के आरोप लगाते रहे हैं वहीं दूसरी ओर अमर सिंह हमेशा से ये कहते रहे हैं कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जीवन में उनके योगदान को हर कोई जानता है। ये बात किसी से छिपाई नहीं जा सकती है। इससे पहले वो ये भी दावा कर चुके हैं कि जिस वक्त अखिलेश यादव की डिंपल के साथ शादी को लेकर पूरा मुलायम परिवार उनके विरोध में खड़ा था तब वो अखिलेश के साथ थे। समाजवादी पार्टी के झगड़े को शांत कराने की कई कोशिशें यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खान भी कर चुके हैं लेकिन, सभी कोशिशें नाकाम साबित हुई हैं। अब चुनाव आयोेग की समाजवादी पार्टी का भविष्य तय करेगा।
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